राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। स्वच्छता सर्वेक्षण 2022-23 (swachh survekshan) का बिगुल बज गया है। पूरे देश में स्वच्छता सर्वेक्षण एक मार्च से 31 मार्च तक चलेगा। एमपी में स्वच्छता सर्वेक्षण एक मार्च से शुरू होगा। 1 से 31 मार्च के बीच कभी भी सर्वेक्षण टीम प्रदेश के शहरों में  दस्तक दे सकती है। स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए नगरीय निकायों को 25 फरवरी तक स्वच्छता से संबंधित दस्तावेजों को केंद्र सरकार के पोर्टल पर अपलोड करने का समय दिया गया था। मैदानी सत्यापन निर्धारित एजेंसी के माध्यम से निकायों में एक मार्च से शुरू होगा।

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इस बार स्वच्छता रैकिंग सिटीजन फीडबैक के आधार पर होगा। सात सवाल पूछकर सीटिजन से फीडबैक लिया जाएगा।सर्वे टीमें जीपीएस के आधार पर शहर के अलग-अलग इलाकों का सर्वेक्षण करेंगी। केंद्रीय शहरी आवास मंत्रलाय (Union Ministry of Urban Housing) ने स्वच्छता सर्वेक्षण के 7500 अंक तय किए हैं।

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इस साल केंद्र सरकार निकायों के स्वच्छता सर्वेक्षण के आधार पर जिले की रैंकिंग भी करेगी। पिछले दो साल से स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए मार्च माह में ही टीमें आ रही है। अभी तक सर्वेक्षण के दौरान नगरीय निकायों को अलग-अलग पोर्टल पर जानकारी अपलोड करना होती थी। इस बार सिर्फ एक ही पोर्टल पर नगरीय निकायों को जानकारी अपलोड करनी थी।

इस बार 6 हजार की जगह 7500 अंक निर्धारित 

इस बार केंद्रीय शहरी आवास मंत्रालय ने स्वच्छता सर्वेक्षण के 7500 अंक निर्धारित किए हैं। जबकि बीते साल तक यह सर्वेक्षण 6000 अंक का होता था। इस बार रैंकिंग का मुख्य आधार सिटीजन फीडबैक होगा। इसमें नागरिकों से 7 सवाल पूछकर फीडबैक लिया जाएगा। इस बार नगर निगम क्षेत्र के तमाम भवनों की जियो टैगिंग की जाएगी। साथ ही सार्वजनिक शौचालय 24 घंटे खुले रखने होंगे और उनमें सेनेटरी नैपकिन से लेकर पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए।

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 सारी जानकारी स्वच्छ सर्वेक्षण के पोर्टल पर अपलोड हुई 
नगर निगम द्वारा सर्वेक्षण के पूर्व शहर के व्यापारिक व आवासीय क्षेत्र, स्लम बस्ती, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, सार्वजनिक स्थानों, नदी व नालों संबंधित सारी जानकारी स्वच्छ सर्वेक्षण के पोर्टल पर अपलोड कर दी गई। इस बार सर्वेक्षण की टीमें जीपीएस के आधार पर शहर के अलग-अलग इलाकों में सर्वेक्षण के लिए पहुंचेगी। इस वजह से जीपीएस आधारित लोकेशन का डेटा पोर्टल पर अपलोड किया गया है।

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