हिमाचल प्रदेश में बारिश से तबाही और बादल फटने की घटना रुक नहीं रही है. राज्य के बिलासपुर के नम्होल में शुक्रवार देर रात बादल फटा। इससे 10 से ज्यादा गाड़ियां मलबे में दब गईं। सड़कें भी बह गई, कई घरों को भी नुकसान पहुंचा। वहीं, मंडी जिले के धर्मपुरमें सपड़ी रोह गांव में शनिवार सुबह 4 बजे लैंडस्लाइड हुई। कई घर मलबे से घिर गए हैं। 8 घर खाली कराए गए हैं।राज्य में बारिश-बाढ़ से मरने वालों का आंकड़ा 386 पहुंच गय है। राज्य में इस सीजन में सामान्य से 43% ज्यादा बारिश हो चुकी है। एक जून से 12 सितंबर के बीच 678.4mm बारिश होती है, इस बार 967.2mm बारिश हो चुकी है।

सीएम सुखविंदर सिंह सूक्खू ने जताया शोक

फिलहाल, इस घटना के बाद हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सूक्खू ने शोक जताते हुए अपने ट्विट में लिखा- नम्होल (बिलासपुर) में बादल फटने और मंडी ज़िला के धर्मपुर क्षेत्र में भूस्खलन की घटनाएँ अत्यंत पीड़ादायक हैं. इन दोनों घटनाओं से कई परिवारों को भारी नुक़सान उठाना पड़ा है और जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. संकट की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएँ हर प्रभावित परिवार के साथ हैं.

किसी की नहीं गई जान

खास बात ये रही कि इस प्राकृतिक आपदा में किसी तरह की जानी नुकसान नहीं हुआ, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था. प्रभावित ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द मौके पर पहुंचकर स्थिति का आकलन किया जाए और पीड़ितों को उचित मुआवजा दिया जाए. वहीं, दूसरी तरफ मंडी जिले के धर्मपुर में सपड़ी रोह गांव में शनिवार सुबह 4 बजे लैंडस्लाइड हुई, जिसकी वजह से कई घर मलबे से घिर गए हैं.

फर्रुखाबाद में लोग खुद तोड़ रहे अपना घर

बता दें कि, यूपी के उन्नाव में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 23cm ऊपर है। यहां 80 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। 100 से ज्यादा परिवार बेघर हैं।फर्रुखाबाद में गंगा के किनारों का कटान तेज हो गया है। ग्रामीण अपने मकानों को खुद तोड़ रहे हैं। ईंट-सरिया निकालकर साथ ले जा रहे हैं। मौसम विभाग के मुताबिक इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी 15 सितंबर के आसपास पश्चिमी राजस्थान से शुरू हो सकती है। आमतौर पर मानसून 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से लौटना शुरू करता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह लौट जाता है।

इस साल मानसून ने 24 मई को केरल में दस्तक दी थी, जो 2009 के बाद सबसे जल्दी 8 दिन पहले थी। इसके बाद यह पूरे देश में 9 दिन पहले यानी 29 जून तक फैल गया, अमूमन यह 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर करता है।

देश में अब तक 835.2mm बारिश, सामान्य से 7% ज्यादा

देश में अब तक 836.2mm बारिश हो चुकी है, जबकि सामान्य बारिश 778.6mm मानी जाती है। यानी इस बार 7% ज्यादा बारिश हुई है। उत्तर-पश्चिम भारत में 720.4mm बारिश हुई, जो सामान्य से 34% ज्यादा है। एक स्टडी के मुताबिक पिछले 50 साल में मानसून पीरियड हर दशक में करीब 1.6 दिन लंबk हुआ है। यानी वापसी हर दशक में थोड़ी-थोड़ी देर से हो रही है।

हिमाचल प्रदेश: सितंबर में अब तक सामान्य से 133% ज्यादा बारिश

हिमाचल प्रदेश में एक से 12 सितंबर तक सामान्य से 133% ज्यादा बारिश हो चुकी है। इस अवधि में 64.6mm नॉर्मल बारिश की तुलना में 150.4mm बारिश हो चुकी है। कुल्लू जिला में सामान्य से 363mm ज्यादा, सोलन में 256, ऊना में 241mm और शिमला में नॉर्मल से 231mm अधिक बारिश हो चुकी है।

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