कोरबा/कटघोरा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कृषि, योजना व नीति सलाहकार प्रदीप शर्मा गुरुवार को बिलासपुर संभाग के दौरे के दौरान कोरबा जिला पहुंचे थे. उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक कर गौठान व वन विभाग तथा पंचायत विभाग द्वारा निर्माण कराये जा रहे नरवा कार्यों के निर्माणधीन, जल एवं मृदा संरक्षण संरचनाओं के संबंध में समीक्षा व निरीक्षण से जुड़ी हुई थी.
कटघोरा अनुविभागीय दण्डाधिकारी कार्यालय के कांफ्रेंस हॉल में विभिन्न विभागों के अफसरों के साथ बैठक की. इस दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कुंदन कुमार व वनमंडल कटघोरा की डीएफओ शमां फारूकी भी मौजूद थी. इसके अलावा विभिन्न जनपदों के सीईओ, कृषि विभाग के अधिकारी व पंचायत डिपार्टमेंट के अफसर भी इस समीक्षा व निरीक्षण बैठक में शामिल हुए.
सलाहकार प्रदीप शर्मा ने कटघोरा क्षेत्र अंतर्गत संचालित हो रहे गौठान यानी एनजीजीबी के कार्यों की प्रशंसा करते हुए सम्बंधित विभाग के अधिकारियों की सराहना की. बैठक पूरी तरह सकारात्मक रही. इस मीटिंग में क्षेत्रांतर्गत गौठान की व्यवस्था व नरवा निर्माण में आ रही तकनीकी समस्याओं पर गंभीरता से चर्चा की गई.
इसके अलावा इन योजनाओं के तहत लाभान्वित हो रहे ग्रामीणों और उनकी स्थानीय समस्याओं पर भी विस्तार से मंथन किया गया. कृषि, वनविभाग और पंचायत विभाग ने उन्हें कोरबा जिले के तहत संचालित हो यह गौठानों, नरवा निर्माण व इनकी मौजूदा स्थिति का पूरा ब्यौरा भी सौंपा. बैठक के अंत मे प्रदीप शर्मा ने स्थानीय मीडियाकर्मियों से बातचीत की और अपने दौरे व बैठक के उद्देश्यों को सामने रखा.
एनजीजीबी और गोधन न्याय योजना से उठा जनजीवन का स्तर
प्रदीप शर्मा ने बताया कि नरवा, गरुआ, घुरुआ और बाड़ी योजना प्रदेश सरकार की सबसे महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक है. ग्रामीण जनजीवन में आमूल-चूल परिवर्तन ला रहे इस योजना की प्रशंसा ना सिर्फ छत्तीसगढ़ में बल्कि पूरे देश मे हो रही है. एनजीजीबी योजना के इसी समीक्षा के लिए वे गुरुवार बिलासपुर संभाग के दौरे पर थे.
उन्होंने बताया कि समय समय पर उनके द्वारा गोधन व एनजीजीबी के क्रियान्वयन के संबंध में अफसरों से फीडबैक लिया जाता है और योजनाओं को लागू करने में आ रही दिक्कतों की समीक्षा की जाती है. इसके अलावा भौगोलिक जटिलताओं के बीच इन योजनाओं को और कितना प्रभावी बनाया जा सकता है इस पर भी विचार किया जाता है.
कोरबा प्रदेश के पांच शीर्ष जिलों में शामिल
सलाहकार प्रदीप शर्मा ने कोरबा जिले के अफसरों की जमकर सराहना की. उन्होंने बताया कि खनिज और प्राकृतिक सम्पदाओं से भरे कोरबा जिले में गौठान से जुड़ी योजनाओ का संचालन काफी बेहतर ढंग से हो रहा है. चूंकि कोरबा एक समृद्ध क्षेत्र है लिहाजा इसका लाभ भी योजनाओ और उनसे जुड़े हितग्राहियों को हासिल हो रहा है.
गौठानों का नरवा का बारीकी का निरीक्षण
बकौल शर्मा में वे जब कभी भी दौरे पर होते है, तो गौठानों और नरवा का बारीकी से निरीक्षण करती है साथ गांव वालों से भी भेंट करते है. जिले में गौठानो कई हालात पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि इसका जवाब जिला पंचायत के सीईओ ज्यादा बेहतर ढंग से दे सकते है, फिर भी उन्होंने यहां जिस तरह के इंतजाम देखे है, वे कह सकते है कि आज कोरबा जिला स्वालम्बी गौठान के विषय मे प्रदेश के पांच शीर्ष जिलो में शामिल है. उन्होंने इसकी वजह कोरबा जिले के गौठानो में बढ़ाये जा रहे संसाधनों को भी बताया.
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पूर्ववर्ती और मौजूदा सरकार में बड़ा फर्क
खनिज न्यास मद के उपयोग पर किये गए सवाल पर सलाहकार प्रदीप शर्मा ने बताया कि पहले और अब की सरकारों में मदों के उपयोग को लेकर एक बड़ा फर्क है. पहले की सरकार खनिज न्यास मद के राशि का उपयोग आया कार्यों में करती थी, जबकि अब की सरकार इस मद का उपयोग बुनियादी जरूरतों और संसाधनों पर कर रही है. डीएमएफ से आज स्कूल और अस्पतालों का निर्माण हो रहा है. शेष राशि का उपयोग ग्रामीणों के लिए गौठानो में किया जा रहा है जबकि कुछ राशि से स्थानीय जनसमस्याओं का निबटारा हो रहा है. इस तरह सरकार मदों का विवेकपूर्ण और सार्थक उपयोग कर रही है.