नई दिल्ली। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उनसे विवादास्पद कृषि कानूनों को तत्काल रद्द करने का आग्रह किया. इसके साथ ही उन्होंने किसानों को मुफ्त कानूनी सहायता प्राप्त करने वालों की श्रेणी में शामिल करने के लिए संबंधित कानून में संशोधन की भी मांग की.
पंजाब मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान दो अलग-अलग पत्र सौंपे. इनमें पंजाब और अन्य राज्यों के किसानों में आक्रोश पैदा करने वाले तीन कृषि कानूनों की तत्काल समीक्षा कर उन्हें रद्द करने का आह्वान किया. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने दिल्ली में चल रहे किसानों के आंदोलन से पंजाब और देश के लिए सुरक्षा खतरे पैदा करने की आशंका है, क्योंकि पाकिस्तान समर्थित भारत विरोधी ताकतें किसानों के असंतोष का फायदा उठाना चाहती हैं.
उन्होंने किसानों की चिंताओं के शीघ्र निवारण के लिए प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप का आह्वान करते हुए कहा कि भारत सरकार को निरंतर चल रहे आंदोलन को समाप्त करने के लिए एक स्थायी समाधान तलाशना चाहिए, क्योंकि यह न केवल पंजाब में आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित कर रहा है, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी प्रभावित करने की क्षमता रखता है. इसके साथ धान की पराली के प्रबंधन के लिए किसानों को मुआवजा देने और डीएपी की कमी को दूर करने की आवश्यकता बताई.
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मुख्यमंत्री ने अपने दूसरे पत्र में विभिन्न कारणों से मुकदमेबाजी का सामना कर रहे किसानों को राहत प्रदान करते हुए केंद्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 की धारा 12 में संशोधन को समय की आवश्यकता बताया. इससे किसानों और कृषि श्रमिकों को उन व्यक्तियों की श्रेणी में शामिल किया जा सके, जो अदालतों में अपना बचाव करने के लिए मुफ्त कानूनी सेवाओं के हकदार हैं.
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