कथित शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया को मिली राहत के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. CM केजरीवाल ने CBI केस में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने के साथ जमानत के लिए याचिका दायर की है. सुप्रीम कोर्ट से मनी लॉन्ड्रिंग केस में पहले ही अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिल चुकी है.

CM केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट के 5 अगस्त के फैसले को चुनौती दी है. हाई कोर्ट ने कहा था कि ना तो केजरीवाल की गिरफ्तारी अवैध है और ना ही बिना कारण है. केजरीवाल की याचिका को CJI डी वाई चंद्रचूड़ के सामने उठाते हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सेक्शन 45 (PMLA) के तहत 3 जमानत आदेश हैं और यह जमानत याचिका बिना सेक्शन 45 के है. इस पर CJI ने उन्हें ईमेल करने को कहा.

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दिल्ली के मुख्यमंत्री ने यह याचिका ऐसे समय पर दायर की है जब 2 दिन पहले ही उनके पूर्व उपमुख्यमंत्री और दाएं हाथ कहे जाने वाले मनीष सिसोदिया को इसी अदालत से CBI और ED केस में जमानत मिली है. सिसोदिया को जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि था कि वह 17 महीनों से बंद हैं और जल्द ट्रायल शुरू होने की कोई संभावना नहीं है. कोर्ट ने इसे स्पीडी ट्रायल के मौलिक अधिकार का उल्लंघन बताया था.

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सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने से पहले ही 26 जून को CBI ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. CBI और ED का दावा है कि वित्त वर्ष 2021-22 की शराब नीति में घोटाला किया गया. केंद्रीय जांच एजेंसियों के मुताबिक शराब कारोबारियों को अनुचित फायदा पहुंचाते हुए बदले में उनसे रिश्वत ली गई. हालांकि, आम आजमी पार्टी और दिल्ली सरकार ने बार-बार दावों को खारिज किया है.