सुप्रिया पांडे,रायपुर। केंद्र सरकार के खिलाफ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने आक्रामक तेवर और तीखे बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहते हैं. भूपेश ने केंद्र पर हमला करते हुए साफ शब्दों में पूछा है कि सरकार राज्यों को फ्री में कोरोना वैक्सीन देगी या नहीं ? अगर नहीं. तो राज्य को कितना पैसा देना होगा ? अगर पूरा ख़र्च राज्य को उठाना पड़ा, तो केंद्र की गाइडलाइन का क्या मतलब ? ऐसे में राज्य सरकार अपना नया गाइडलाइन बनाने की तैयारी करेगी. हमें केंद्र से उम्मीद, इसलिए गाइडलाइन का पालन कर रहे हैं. ये बातें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक अंग्रेजी चैंनल में दिए गए इंटरव्यू में कही है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भारत सरकार क्या कर रही उन्हें स्पष्ट करना चाहिए, उन्हें राज्यों को मुफ्त में वैक्सीन उपलब्ध कराना चाहिए. बिहार के चुनाव में निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सरकार बनती है, तो मुफ्त में वैक्सीन देंगे. भारत सरकार को वैक्सीन की कीमत स्पष्ट करना चाहिए. क्या वे राज्यों को मुफ्त में उपलब्ध करा रहे है और नहीं करा रहे तो, राज्य सरकार और केंद्र सरकार को कितना-कितना खर्च करना होगा.
जब राज्य को ही पूरा खर्च उठाना है, तो केंद्र की गाइडलाइन का औचित्य क्या है ? केंद्र सरकार के गाइडलाइन का पालन क्यों करें ? जब राज्य सरकार को ही वैक्सीन का खर्चा उठाना है, तो हम अपना गाइडलाइन बनाएंगे कि कैसे अपने लोगों तक पहुंचाए. हम तो इस उम्मीद में है कि सरकार के गाइडलाइन का पालन करेंगे, तो भारत सरकार से कुछ मिलेगा.
उन्होंने आगे कहा कि पहले जब कोरोना की शुरूआत हुई, तब हमें टेस्टिंग की अनुमति नहीं थी, टेस्टिंग के लिए पूणे भेजना पड़ता था. जब संख्या बढ़ी, तब राज्य में टेस्टिंग की शुरूआत हुई है. केंद्र सरकार शुरूआत में कंट्रोल करने की कोशिश करता है, जब कंट्रोल से बाहर हो जाता है, तब आप राज्यों पर डाल देते है. फिर सारी असफलता की जिम्मेदारी राज्यों की हो जाती है.
पीएम ने कहा था कि वैक्सीन कितने डोज में बनेगा, यह नहीं कह सकते. रेट भी तय नहीं किए गए है. सारे अनिश्चितताओं के बारे में प्रधानमंत्री ने अस्पष्ट संकेत दे दिए. ये कहना मुश्किल होगा कि कितने रेट में भारत सरकार देगी. राज्यों को कितना भार होगा, कम से कम एक खर्च तो वहन कर लें.