सुुप्रिया पांडेय, रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के शायराना अंदाज पर तंज कसते हुए कहा कि सवाल पूछने से उन्हें कौन रोक रहा है. अपने समय में वे सवालों का जवाब देने से बौखला जाते थे. सवाल तो दिल्ली वालों से भी पूछना चाहिए. सवाल इस बात का है कि बारदाना क्यों नहीं दिए? सवाल इस बात का है कि 60 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की अनुमति देने के बाद भी 24 लाख मीट्रिक टन धान ही लिये गए,

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दुर्ग के लिए रवाना होने से पहले मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि वैशाली नगर भिलाई नगर निगम, और जामुल नगर पालिका क्षेत्र में कार्यक्रम है, विकास कार्यों की शिलान्यास और लोकार्पण के कार्यक्रम में शामिल होना है. डॉ रमन सिंह के जवाब देना चाहिए वाले ट्वीट को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि सवाल डॉ रमन सिंह से है कि वह बोनस का समर्थन करते हैं कि विरोध करते हैं? वे हमसे सवाल करें, हम उनसे करेंगे. केंद्र में उनकी सरकार है. वे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं, तो उनसे भी सवाल क्यों नहीं पूछना है? बारदाना क्यों नहीं आ रहा? क्यों रोक लगाएं हैं? छत्तीसगढ़ किसानों को बारदाना क्यों नहीं मिलना चाहिए?

युवा दिवस पर डॉ रमन सिंह के ट्वीट को सीएम ने कहा कि वे 15 साल मुख्यमंत्री रहे हैं. युवाओं के लिए उन्होंने क्या किया? 1998 के बाद से पहली बार शिक्षकों की भर्ती हुई है. असिस्टेंट ऑफिसर के खाली पद थे, उसकी पद भर्ती हमने शुरू की है. पुलिस की भर्ती हम जल्द शुरू करेंगे. छत्तीसगढ़ में हमने उद्योग लगवाया, और 10 बजे राज्यों में छत्तीसगढ़ का नाम टॉप 10 में शामिल हैं. हमारे उद्योग लगाने से लोगों को रोजगार मिलेगा. हम लगातार युवाओं के रोजगार के लिए सतत् प्रयासरत हैं. वे केवल भावनात्मक बात करते हैं, उनको कोई लेना देना नहीं है विवेकानंद जी और उनके विचारों से.

वैक्सीन पर लोगों के असमंजस को लेकर कहा देश में यदि पहले कोरोना वैक्सीन लगे, तो दिल्ली में जितने केंद्रीय मंत्री हैं, उन्हें अगर वैक्सीन लगेगी तो लोगों में विश्वास बनेगा कि यह बात सही है. राज्य में है तो ठीक है, मुख्यमंत्री से लेकर पूरे मंत्रिमंडल लगाएंगे. यह जनता की डिमांड है. प्रधानमंत्री कहते हैं कि पहले उन लोगों को लगना चाहिए जो कोरोना वायरस या कोरोना की चपेट में आये स्वास्थ्य कर्मी है, सबसे पहले उनको लगना चाहिए. तो सब अपनी अपनी जगह पर सही है. केंद्रीय मंत्रिमंडल में बहुत ज्यादा नहीं बस 70 लोग हैं, वे वैक्सीन लगाकर उदाहरण पेश कर सकते हैं.

वैक्सीन की विश्वसनीयता को लेकर कहा कि भारत सरकार की जिम्मेदारी है कि लोगों की विश्वसनीयता काम पर काम करें सवाल यह भी है कि वैक्सीन की कीमत में अंतर है तो क्या उसकी क्वालिटी में भी अंतर होगा. इस तरह की तमाम बातें हैं.  हम भारत सरकार के प्रोटोकाल का पालन कर रहे हैं . वहीं वैक्सीन की स्टोरेज पर कहा कि हमारे पास जितने आए हैं वह अपर्याप्त है और आवश्यकता है, जिसकी डिमांड हम लोगों ने की है.

कृषि कानून पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को लेकर कहा कि फटकार लगाने से सरकार को कहां फर्क पड़ रहा है? सरकार को मान लेना चाहिए जब सुप्रीम कोर्ट ने इशारा भी कर दिया, तो सरकार के लिए वह गाइडलाइन हो जाती है. उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि आप लोग कानून पर रोक नहीं लगाएंगे, तो हम लगा देंगे, अब तक तो भारत सरकार को रोक लगा देनी चाहिए थी. आपको आदेश ही तो जारी करना है, वह भी अब जारी नहीं कर पा रहे हैं.