रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को अपने निवास कार्यालय में लोक निर्माण विभाग के काम-काज की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को सख्त संदेश दिया. उन्होंने कहा कि लोक निर्माण, जल संसाधन, पंचायत सहित सभी निर्माण विभागों द्वारा संपादित कार्यों की गुणवत्ता को लेकर कोई समझौता नही किया जाए. साथ ही सभी निर्माण कार्यों में थर्ड पार्टी निरीक्षण की व्यवस्था पर जोर दिया.

मुख्यमंत्री ने बैठक में नक्सल प्रभवित क्षेत्रों में सड़क कनेक्टिविटी के कार्यों की भी समीक्षा की और इन्हें प्राथमिकता से पूर्ण कराने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए. उन्होंने सड़कों के किनारे लोक निर्माण विभाग की जगह का व्यावसायिक उपयोग करने के निर्देश दिए. इन स्थानों पर होटल, ढाबा आदि के लिए सुविधाएं विकसित करने कहा, जिससे स्थानीय निवासियों को रोजगार उपलब्ध हो सके और राहगीरों को भी सुविधाएं मिल सके. उन्होंने कहा कि भविष्य में सड़कों के लिए जमीन अधिग्रहण करते समय भी इन सुविधाओं को विकसित करने का ध्यान रखा जाए और इनके लिए जमीन आरक्षित रखी जाए.

बैठक में लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने बताया कि सड़कों और पुलों के वार्षिक मरम्मत कार्य के लिए निर्धारित अवधि 3 वर्ष को बढ़ाकर 5 वर्ष कर दिया गया है. इस अवसर पर कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, मुख्य सचिव आरपी मण्डल, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, अपर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, सचिव लोक निर्माण सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

बैठक में अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण अमिताभ जैन ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग विकास कार्यक्रम के तहत 36 कार्य स्वीकृत हैं, इनमें से 18 कार्य पूर्ण हो चुके हैं. छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम के 767 किमी लम्बाई के 26 सड़कों में से 615 किमी की 11 सड़कें पूर्ण हो चुकी हैं, शेष कार्य दिसंबर 2020 तक पूर्ण कर लिए जाएंगे.

4 हजार किमी सड़क का होगा निर्माण

अमिताभ जैन ने वर्ष 2020-21 बजट में किए गए मुख्य प्रावधानों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 723 विभिन्न कार्यों के लिए 659 करोड़ की राशि प्रावधानित हैं. इनमें चालू वित्तीय वर्ष में 3925 किलोमीटर लम्बाई की 603 सड़कों के लिए 480 करोड़ रुपए, 97 वृहद पुलों के लिए 90 करोड़ रुपए, 08 अंडर और ओव्हर ब्रिज के लिए 30 करोड़ रुपए शामिल है.

इंडोर स्टेडियम के लिए 33 करोड़

उन्होंने बताया कि संभागीय मुख्यालयों दुर्ग, जगदलपुर एवं अंबिकापुर में इंडोर स्टेडियम के लिए 33 करोड़ रुपए, ग्यारह जिला मुख्यालयों धमतरी, कोरबा, कांकेर, गरियाबंद, बालोद, बेमेतरा, मुंगेली, कोरिया, बलरामपुर, जशपुर और बीजापुर में आडिटोरियम के लिए 22 करोड़ रुपए के प्रावधान किए गए हैं.