कांकेर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भेंट मुलाकात कार्यक्रम के तहत विधानसभावार दौरा कर रहे हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को वे भानुप्रतापपुर पहुंचे. वहीं आज उन्होंने अगले गंतव्य तक जाने से पहले समीक्षा बैठक ली. जिसमें अधिकारियों को विभिन्न दिशा-निर्देश दिए गए. इस दौरान सीएम ने समाज कल्याण विभाग की कार्यशैली पर नाराजगी जताई. विभागीय कार्यों को लेकर पूरे बस्तर संभाग में कमी देखने को मिली है. जिसे लेकर सीएम ने इसके पर तत्काल एक्शन लेने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि दिव्यांग बच्चे और उनके परिजन सामग्रियों की मांग या पढ़ाई की मांग करने शिविर में आ रहे है. इसकी व्यापक व्यवस्था समाज कल्याण विभाग को करना ज़रूरी है. विभाग पढ़ाई की व्यवस्था और उनके जरूरत के अनुरूप कार्य करें.

वहीं इस बीच सीएम ने कहा कि सभी कार्य सुनियोजित ढंग से हों. उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों से नाला की जानकारी ली और कहा कि वे हेलीकॉप्टर से नाला का निरीक्षण करेंगे. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि शासन की योजनाओं के माध्यम से कृषि कार्य में वृद्धि हुई है. किसान भूमि जल का ज़्यादा उपयोग कर रहे हैं. जिस प्रकार से शासन की योजनाए हैं, लोग खेती की ओर बढ़ रहे हैं. लोग ट्यूबवेल करा रहे हैं. हमें सरफेस वाटर और ग्राउंड वाटर को बढ़ाने में और काम करना है.

अधिकारियों पर जताई नाराजगी

सीएम ने कहा कि आने वाले समय में जल का संरक्षण नहीं करेंगे तो भू-जल स्तर और नीचे जाएगा, इसलिए जल संरक्षण बेहद जरूरी है. सीएम ने कहा कि वाटर रिचार्जिंग बहुत महत्वपूर्ण कार्य है. एक बार करने से यह सालों तक चलता है. इसमें अच्छे कार्य करने की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने जल संसाधन विभाग के अधिकारी को बिना आंकड़े के आने पर नाराज़गी जताई.

बैठक में वन अधिकार मान्यता पत्रक वितरण की समीक्षा की गई. साथ ही छात्रों को रहने के लिए बेहतर व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए आश्रम छात्रावास में मरम्मत के कार्य करवाने के भी निर्देश दिए गए. इसके अलावा स्कूलों में जाति-प्रमाण पत्र बनाने के कार्यों की समीक्षा की गई. अस्थायी जाति प्रमाण पत्र बनाते समय पूरी जानकारी ले लें ताकि स्थायी जाति प्रमाण पत्र बनाने में कठिनाई न हों. वहीं सीएम ने समाज कल्याण विभाग के कार्यो की समीक्षा की और पेंशन की जानकारी ली.

ज्यादा से ज्यादा गोबर खरीदी पर फोकस

बैठक में अधिकारियों से गौवंशीय सर्वे और पशु पालकों के संदर्भ में जानकारी ली गई. पशुपालकों की पंजीयन संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए ताकि अधिक से अधिक पशुपालकों से गोबर खरीदी की जा सके. वहीं नारायणपुर में गौठान और गोबर खरीदी की जानकारी लेकर, गोबर खरीदी के लिए तेजी से पशुपालकों के पंजीयन कराने और गोबर खरीदी को अभियान के रूप में चलाने के निर्देश दिए गए. वहीं नारायणपुर जिले में आवर्ती चराई की जानकारी ली गई. गौरतलब है कि नारायणपुर में 8 आवर्ती चराई है. सभी आवर्ती चराई में पानी की व्यवस्था करने और एक्टिविटी संचालित करने का निर्देश दिया गया है. वहीं क्षेत्र के क्लाइमेट को देखते हुए बाड़ी योजना में अदरक, हल्दी और कालीमिर्च लगाने के लिए ग्रामीण किसानों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए गए हैं.

ब्लैक बोर्ड पर लिखने वाली चॉक बनाने की यूनिट

रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना की कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा हुई. ब्लैक बोर्ड पर लिखने वाली चाक बनाने की यूनिट लगाने की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए गए. सभी गौठानो में एक ही तरह की गतिविधियों की बजाय अलग-अलग गतिविधियां संचालित करने और मार्केटिंग सुविधा का ध्यान रखते हुए उत्पाद के मार्केटिंग की व्यवस्था करवाने का निर्देश भी दिया गया है.

कुपोषण में आई कमी

इसके अलावा क्षेत्र में चल रहे महिला बाल विकास के सुपोषण अभियान की जानकारी ली गई. पिछले साल गम्भीर कुपोषित 15% थे, इस साल घटकर 12% में आ गए हैं. एक साल में गंभीर कुपोषितों की 3% कमी आई. बताया गया कि सुपोषण बूथ में नियमित रूप से कोदो की खिचड़ी खिला रहे हैं. ग्राम पंचायतो में अंडा उत्पादन के आधार पर वितरण जारी है. बैठक में कुपोषण में कमी लाने के लिए किए जा रहे कार्यों की विशेष जानकारी ली गई.

निर्माण कार्यों के सतत निगरानी करने को कहा

बैठक में मनरेगा के कार्यों की भी समीक्षा की गई. सड़कों के विकास पर सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि ठेकेदारों द्वारा करवाए जा रहे निर्माण कार्य की गति धीमी है. इसके लिए अधिकारियों को अंदरूनी क्षेत्र में कार्य का सतत निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए. इसके अलावा धन्वन्तरि मेडिकल दुकानों में दवाई विक्रय, दवाई की उपलब्धता के सम्बंध में जानकारी और मांग के अनुरूप दवाइयों की उपलब्धता बनाए रखने के निर्देश दिए गए. वहीं क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था की समीक्षा करते हुए व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं स्कूलों में पाठ्य पुस्तक का वितरण तत्काल कराने के निर्देश दिए गए. साथ ही स्वामी आत्मानंद अंग्रेज़ी माध्यम स्कूलों में टीचर की व्यवस्था के सम्बंध में 16 जून तक पूर्ण करने के निर्देश दिए गए और शिक्षक विहीन स्कूल की जानकारी ली गई.

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