प्रदीप गुप्ता, कवर्धा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कवर्धा जिले में 355 करोड़ 49 लाख रुपये का विकास कार्यों का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया. इस दौरान सीएम बघेल ने प्रदेश के पहले गन्ना बेस एथेनॉल प्लांट का उद्घाटन किया. वर्चुअल उद्घाटन कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री और कवर्धा विधायक मो. अकबर भी शामिल हुए. 35 एकड़ में फैला 141 करोड़ रुपये की लागत से बना प्रदेश का पहला गन्ना बेस एथेनॉल प्लांट. पीपीपी मॉडल से बनने वाला देश का पहला एथेनाल प्लांट है. इससे किसानों को लाभ होगा. गन्ना राशि की भुगतान तत्काल मिलेगी. साथ ही क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं को भी रोजगार मिलेगा.

इस प्लांट में गन्ने के मोलासिस से एथेनॉल बनाया जाएगा. खास बात यह है कि इस मोलासिस का इंतजाम भोरमदेव शक्कर कारखाने के साथ-साथ पंडरिया शक्कर कारखाने से किया जाएगा. यहां के 25 टन मोलासिस और पंडरिया कारखाने के 20 टन मोलासिस कुल 45 टन की खपत होगी. एथेनॉल बनाकर इंडियन ऑयल को 53 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से बेचा जाएगा. उम्मीद है कि अगले साल यह प्रोजेक्ट तैयार हो जाएगा और एथेनॉल बनना भी शुरू हाेगा.

एथेनॉल प्लांट स्थापना का यह पहला उदाहरण होगा (गन्ना बेस एथेनॉल प्लांट)

भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना राम्हेपुर, कवर्धा में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल से एथेनॉल प्लांट शीघ्र स्थापित किया जाएगा. सहकारी क्षेत्र में स्थित शक्कर कारखाने में पीपीपी माॅडल से एथेनॉल प्लांट की स्थापना का यह पहला उदाहरण होगा, जिससे क्षेत्र में रोजगार के अवसर मिलेंगे. साथ ही आर्थिक समृद्धि का आधार मजबूत होगा. एथेनॉल प्लांट स्थापना से गन्ना किसानों और कारखानों को वित्तीय लाभ होगा. बीते दिनों एथेनॉल प्लांट की स्थापना के लिए वित्तीय निविदा आमंत्रित करने और निवेशक के साथ अनुबंध करने के प्रारूप को अनुमोदित किया गया. इथेनॉल प्लांट की स्थापना की भी अनुशंसा की गई. इससे कारखाने में एथेनॉल प्लांट की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है. अब प्रोजेक्ट का काम शुरू हो गया है.

इस प्लांट में गन्ने के मोलासिस से एथेनॉल बनाया जाएगा. खास बात यह है कि इस मोलासिस का इंतजाम भोरमदेव शक्कर कारखाने के साथ-साथ पंडरिया शक्कर कारखाने से किया जाएगा. यहां के 25 टन मोलासिस व पंडरिया कारखाने के 20 टन मोलासिस कुल 45 टन की खपत होगी. एथेनॉल बनाकर इंडियन ऑयल को 53 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से बेचा जाएगा. जिला प्रशासन के द्वारा इसकी पूरी तैयारी कर ली है.

एथेनॉल प्लांट स्थापना का यह पहला उदाहरण होगा

भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना राम्हेपुर, कवर्धा में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) माडल से एथेनॉल प्लांट शीघ्र स्थापित किया जाएगा. सहकारी क्षेत्र में स्थित शक्कर कारखाने में पीपीपी माॅडल से एथेनॉल प्लांट की स्थापना का यह पहला उदाहरण होगा, जिससे क्षेत्र में रोजगार के अवसर मिलेंगे. साथ ही आर्थिक समृद्धि का आधार मजबूत होगा. एथेनॉल प्लांट स्थापना से गन्ना किसानों और कारखानों को वित्तीय लाभ होगा. बीते दिनों एथेनॉल प्लांट की स्थापना के लिए वित्तीय निविदा आमंत्रित करने और निवेशक के साथ अनुबंध करने के प्रारूप को अनुमोदित किया गया. एथोनॉल प्लांट की इससे कारखाने में एथेनॉल प्लांट की आज से शुरुआत हो गई है.

क्या है एथेनॉल

शक्कर कारखाने के अफसर केके यादव ने बताया कि एथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है, जिसे वाहन में ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. एथेनॉल का उत्पादन मुख्य रूप से गन्ने की फसल से होता है. इथेनाल के इस्तेमाल से 35 फीसदी कम कार्बन मोनोआक्साइड का उत्सर्जन होता है. इतना ही नहीं यह कार्बन मोनोआक्साइड उत्सर्जन और सल्फर डाइआक्साइड को भी कम करता है.

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