बिलासपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा में शुक्रवार को लोरमी विधायक धरमजीत सिंह ने बिलासपुर हवाई अड्डे विकास का अशासकीय संकल्प पेश किया. जिसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का ऐतिहासिक समर्थन प्राप्त होने से यह संकल्प सर्वसम्मति से पास हुआ है, इसके लिए मुख्यमंत्री एवं सभी विधायक बधाई के पात्र है.

यही नहीं मुख्यमंत्री के द्वारा बिलासपुर हवाई अड्डे के विकास के लिए 27 करोड की धनराशि स्वीकृत करने और इस बात की घोषणा करने कि रनवे के विस्तार के लिए आवश्यक भूमि की व्यवस्था भी राज्य सरकार करेगी. बिलासपुर में एक अत्याधुनिक हवाई अड्डा शीघ्र ही अस्तित्व में आने का मार्ग प्रशस्त हो गया है. मुख्यमंत्री बघेल के द्वारा यह घोषणा विधानसभा में संकल्प पर हुई चर्चा के दौरान की गई है.

गौरतलब है कि इस संकल्प की चर्चा में विधायकों की पार्टीगत लाईन से हटकर बिलासपुर हवाई अड्डे के विकास के लिए जारी जनआंदोलन का सम्मान करते हुए सर्वसम्मति से संकल्प को पास किया. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, बिलासपुर के विधायक शैलेष पाण्डेय, तखतपुर विधायक रश्मि सिंह, बेलतरा के विधायक रजनीश सिंह एवं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत ने बिलासपुर के इस मांग को पूरा किये जाने की जरूरत बताई.

सरगुजा संभाग के पांच जिलों, बिलासपुर संभाग के 6 जिलों के साथ-साथ कवर्धा, बेमेतरा और बलौदा बाजार जिलों के लिए बिलासपुर का चकरभाठा विमानतल रायपुर के माना विमानतल की तुलना में अधिक नजदीक रहने वाला है. यहां पर अत्याधुनिक एयरपोर्ट बनने से उत्तर छत्तीसगढ़ के विकास के नये रास्ते खुलेंगे.

अब केन्द्र सरकार की बारी

हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने बयान जारी कर कहा है कि राज्य सरकार द्वारा अपने तरफ से भूमि उपलब्ध कराने और आवश्यक राशि जारी करने के बाद अब पूरी तरह केन्द्र सरकार की जिम्मेदारी है कि डीजीसीए (महानिदेशालय नागरिक उड्डयन) को निर्देश देकर जल्द ही बिलासपुर को उसी केटेगरी का लायसेन्स दिलवाये, जिससे कि बिलासपुर से दिल्ली-बम्बई-कोलकाता-बौंगलोर आदि के लिए सीधी उड़ान उपलब्ध हो सके. इसके लिए आरसीएस (उड़ान) स्कीम का होना आवश्यक नहीं है और बिलासपुर क्षेत्र व्यावसायिक श्रेणी की उड़ानों को उपयोग करने के लिए तैयार है. साथ ही केन्द्र सरकार बिलासपुर के हवाई अड्डे को 4सी केटेगरी में उन्नयन के लिए आवश्यक कदम तत्काल उठाये.

शांतिपूर्ण अखण्ड धरना जारी रहेगा

समिति ने यह स्पष्ट किया है कि 35 दिन के लगातार आंदोलन के बाद यह सार्थक पहल हुई है इसलिए शांतिपूर्ण अखण्ड धरना को कम से कम तब तक जारी रखा जाये, जब तक की उसी केटेगरी का लायसेन्स मिलकर बिलासपुर से महानगरों तक सीधी उडान प्रारंभ न हो जाए. यह जनता की मांग की अभिव्यक्ति के लिए आवश्यक है अन्यथा पिछले वर्ष भी केन्द्र और राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अण्डरटेकिंग दी थी कि 3 माह में बिलासपुर से उड़ाने प्रारंभ हो जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसे देखते हुए यह आवश्यक है कि शांतिपूर्ण अखण्ड धरना आंदोलन को जारी रखा जाए.