रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 8 नवम्बर को मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के राशि अंतरण के लिए आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 5 करोड़ 35 लाख रुपये की राशि ऑनलाइन जारी करेंगे. जिसमें 15 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय किए गए 2.35 लाख क्विंटल गोबर के एवज में 4.69 करोड़ रुपये भुगतान, गौठान समितियों को 39 लाख और महिला समूहों को 27 लाख रुपए की लाभांश राशि शामिल है.
गोधन न्याय योजना के तहत राज्य में अब तक हितग्राहियों को 356 करोड़ 17 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है, जिसमें 18 करोड़ रुपये की बोनस राशि भी शामिल है. 8 नवम्बर को 5.35 करोड़ के भुगतान के बाद ये आंकड़ा 361 करोड़ 52 लाख रुपये हो जाएगा. गोधन न्याय योजना के तहत छत्तीसगढ़ के गौठानों में 2 रुपये किलो की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है. गौठानों में 15 अक्टूबर तक खरीदे गए 87.29 लाख क्विंटल गोबर के एवज में ग्रामीणों को 174.58 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया जा चुका है. 8 नवम्बर को गोबर विक्रेताओं को 4.69 करोड़ रुपये का भुगतान होने के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 179.28 करोड़ रुपये हो जाएगा. गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को 163.58 करोड़ रुपये राशि की भुगतान किया जा चुका है. गौठान समितियों तथा स्व-सहायता समूह को 8 नवम्बर को 0.66 करोड़ रुपये के भुगतान के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 164.24 करोड़ रुपये हो जाएगा. स्वावलंबी गौठानों में स्वयं की राशि से 24.15 करोड़ रुपये का गोबर क्रय किया है.
गौठानों में 76,820 लीटर गोमूत्र की खरीदी
राज्य के 83 गौठानों में 4 रुपये लीटर की दर से गोमूत्र की खरीदी की जा रही है. गौठानों में अब तक 76 हजार 820 लीटर गौमूत्र क्रय किया जा चुका है. जिसका मूल्य 3 लाख 7 हजार 280 रुपए है. इससे गौठानों में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा 24,348 लीटर कीट नियंत्रक ब्रम्हास्त्र और 18,722 लीटर वृद्धिवर्धक जीवामृत तैयार किया गया है, जिसमें से 20,521 लीटर ब्रम्हास्त्र और 14,055 लीटर जीवामृत की बिक्री से कुल 15 लाख रुपये की आय हुई है.
स्व-सहायता समूहों को 85 करोड़ 9 लाख की आय
गौठानों में महिला समूहों द्वारा 18.90 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट और 5.37 लाख क्विंटल से अधिक सुपर कम्पोस्ट एवं 18,924 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट प्लस खाद का निर्माण किया जा चुका है. जिसे सोसायटियों के माध्यम से क्रमशः 10 रुपये, 6 रुपये और 6.50 रुपये प्रतिकिलो की दर पर विक्रय किया जा रहा है. महिला समूह गोबर से खाद के अलावा गो-कास्ट, दीया, अगरबत्ती, मूर्तियां समेत अन्य सामग्री का निर्माण और विक्रय कर लाभ अर्जित कर रही हैं. गौठानों में महिला समूहों द्वारा इसके अलावा सब्जी और मशरूम का उत्पादन, मुर्गी, बकरी, मछली पालन समेत पशुपालन के साथ-साथ अन्य आय मूलक विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है, जिससे महिला समूहों को अब तक 85 करोड़ 9 लाख रुपये की आय हो चुकी है. राज्य में गौठानों से 11,187 महिला स्व-सहायता समूह सीधे जुड़े हैं, जिनकी सदस्य संख्या 83,874 है. गौठानों में क्रय गोबर से विद्युत उत्पादन की शुरुआत की जा चुकी है.
2.98 लाख ग्रामीण पशुपालक लाभान्वित
राज्य में गोधन के संरक्षण और संर्वधन के लिए गांवों में गौठानों का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है. गौठानों में पशुधन देख-रेख, उपचार और चारे-पानी का निःशुल्क बेहतर प्रबंध हैं. राज्य में अब तक 10448 गांवों में गौठानों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है. जिसमें से 9036 गौठान निर्मित और 1413 गौठान निर्माणाधीन है. गोधन न्याय योजना से 2 लाख 98 हजार 179 ग्रामीण, पशुपालक किसान लाभान्वित हो रहे हैं.
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