रायपुर। सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह के 353 वीं जयंती पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सिक्ख समाज सहित प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं.
सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर के कहा कि सिखों के दसवें गुरू, खालसा पंथ के संस्थापक गुरू गोविन्द सिंह जी की जयंती पर मैं सिख समाज सहित प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं देता हूँ. गुरु गोविंद सिंह जी ने सदा प्रेम व भाईचारे का संदेश दिया . उनके जीवन का दर्शन था कि धर्म का मार्ग सत्य का मार्ग है और सत्य विजयी होता है.
सिखों के दसवें गुरू, खालसा पंथ के संस्थापक गुरू गोविन्द सिंह जी की जयंती पर मैं सिख समाज सहित प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं देता हूँ।#GuruGobindSingh जी ने सदा प्रेम व भाईचारे का संदेश दिया। उनके जीवन का दर्शन था कि धर्म का मार्ग सत्य का मार्ग है और सत्य विजयी होता है। pic.twitter.com/abKdN7OxgF
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) January 2, 2020
बता दें कि गुरु गोविंद सिंह के पिता का नाम गुरु तेग बहादुर और माता का नाम गुजरी था वे उनके एक मात्र पुत्र थे। सिखों के 10वें गुरु गुरु गोविंद सिंका जन्म श्री पटना साहिब में 22 दिसंबर 1666 को हुआ था. जिस वक्त गुरु साहिब का जन्म हुआ, उस वक्त गुरु तेग बहादुर साहिब बंगाल व असम की यात्रा पर थे. जब पिता लौटे तो बाल गुरु गोविंद जी दौड़ते हुए उन्हें गले जा मिले। बाल र्गोंबद राय 6 साल की उम्र तक पटना साहिब रहे. गुरु गोविंद सिंह ने 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की थी. इन्होंने जीवन जीने के पांच सिद्धांत दिए, जिन्हें ‘पंच ककार’ के नाम से जाना जाता है. गुरु गोविंद सिं के संदेश के अनुसार ही खालसा सिखों में पांच चीजों को अनिवार्य माना जाता है. ये पांच चीजें हैं- केश, कड़ा, कृपाण, कंघा और कच्छा.
उनके प्रेरणादायक विचार…
- बचन करकै पालना: अगर आपने किसी को वचन दिया है तो उसे हर कीमत में निभाना होगा.
- किसी दि निंदा, चुगली, अतै इर्खा नै करना : किसी की चुगली व निंदा करने से हमें हमेशा बचना चाहिए और किसी से ईर्ष्या करने के बजाय परिश्रम करने में फायदा है.
- कम करन विच दरीदार नहीं करना : काम में खूब मेहनत करें और काम को लेकर कोताही न बरतें.
- गुरुबानी कंठ करनी : गुरुबानी को कंठस्थ कर लें.
- दसवंड देना : अपनी कमाई का दसवां हिस्सा दान में दे दें.