रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज नया वर्ष मनाने कबीरधाम जिले के बैगा एवं आदिवासी बाहुल्य विकासखण्ड बोडला के ग्राम चिल्फी पहुंचे. उन्होंने विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति परिवारों व अन्य लोगों से आत्मीय भेंट-मुलाकात कर नए वर्ष की शुभकामनाएं दी.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ प्रदेश के कृषि मंत्री रविन्द्र चैबे भी पहुंचे थे. उन्होंने चिल्फी में सभी का आत्मीय अभिनंदन किया. इसके बाद मुख्यमंत्री बघेल सुप्रसिद्ध पर्यटन स्थल सरोदादार भी पहुंचे.

मुख्यमंत्री ने पर्यटन स्थल सरोदा दादर का अवलोकन करते हुए कबीरधाम जिले की शांत और मनमोहक वादियों की तारीफ की. उन्होंने कहा छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. उन्होंने प्रदेश वासियों को नव वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज हमने रायपुर राजधानी में श्रमिक भाई-बहनों के बीच पहुंच कर अपना नया वर्ष की शुरूआत की है. उन्होंने बताया कि नववर्ष पर श्रमवीरों को सौगात देते हुए भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत भगिनी प्रसूति सहायता योजना में सहायता राशि 10 हजार रुपए से बढ़ाकर 20 हजार रुपए करने की घोषणा की है.

स्वच्छता कर्मियों की मेहनत से छत्तीसगढ़ को लगातार तीसरी बार देश के सबसे स्वच्छ राज्य का पुरस्कार मिला है. इस उपलब्धि के लिए उन्होंने स्वच्छता कर्मियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के श्रम के सम्मान की परंपरा को आगे बढ़ा रही है. उन्होंने कहा की नये वर्ष में बुजुर्गों और हमारे पुरोधा, हमारे महापुरूषों के सपनों को साकार करना ही हमारे नए वर्ष का संकल्प है.

मुख्यमंत्री ने बताया कि हमारी सरकार बनने के बाद किसानों को हमने दाम दिया. किसानों के धान की समर्थन मूल्य और राजीव गांधी किसान न्याय योजना की इनपुट सब्सिडी पर खरीद की जा रही है. उन्होंने राज्य सरकार द्वारा श्रमिकों के हित में लिए गए फैसलों का उल्लेख करते हुए कहा कि उद्योगों में कार्यरत मजदूर की उम्र 58 साल से बढ़ाकर 60 साल की गई है, इससे लगभग 4 लाख श्रमिकों को अतिरिक्त 2 वर्ष का लाभ मिला है.

वही मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना और असंगठित कर्मकार मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना में पंजीकृत निर्माण श्रमिक एवं असंगठित कर्मकार की मृत्यु पर एक लाख रुपये एवं दिव्यांगता पर 50 हजार की राशि दी जा रही है. विभिन्न योजनाओं में 16 लाख से अधिक श्रमिकों को लगभग 284 करोड़ रुपए की सहायता सहायता पहुंचाई गई है.