रायपुर। राजधानी रायपुर के समीप माता कौशल्या की जन्मभूमि चंदखुरी में शीघ्र ही भव्य मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज धर्मपत्नी मुक्तेश्वरी बघेल और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ चंदखुरी पहुंचकर माता कौशल्या के प्राचीन मंदिर में पूजाअर्चना की और प्रदेश की खुशहाली और समृद्धि की कामना की. इस दौरान उन्होंने मंदिर के सौन्दर्यीकरण और परिसर के विकास के लिए तैयार परियोजना की विस्तृत जानकारी ली.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल है. यहां कणकण में भगवान राम बसे हुए है. भगवान राम ने वनवास का बहुत सा समय यहां व्यतीत किए हैं। छत्तीसगढ़ सरकार भगवान राम के वन गमन मार्ग को पर्यटन परिपथ के रूप में विकसित कर रही है, जिससे इन स्थलों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिल सके.

उन्होंने कहा कि चंदखुरी में 15 करोड़ की लागत से किए जाने वाले सौन्दर्यीकरण का कार्य का भूमिपूजन हो गया है, यहां अगस्त के तीसरे सप्ताह से निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा. इस अवसर पर उन्होंने यहां तालाब के बीच से होकर गुजरने वाले पुल की मजबूती के साथ ही यहां परिक्रमा पथ, सर्वसुविधायुक्त धर्मशाला और शौचालय बनाने कहा है.

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ग्रामीणों की मांग पर मंदिर के पास से बायपास सड़क की स्वीकृति प्रदान करते हुए आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए. वहीं ग्राम वासियों की सहुलियत को देखते हुए चंदखुरी में राष्ट्रीयकृत बैंक की शाखा खोलने के निर्देश जिला अधिकारियों को दिए है. सीएम ने इस अवसर पर मंदिर परिसर पर बेल और उनकी धर्मपत्नी ने महुआ का पौधा भी रोपा. इसके साथ ही परिसर में आंवला, पीपल, अमरूद और करंज आदि के पौधे भी लगाए गए.

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ग्रामीणजनों से गौठान और गोधन न्याय योजना सहित गांव में उपलब्ध अन्य सुविधाओं की चर्चा की. इस अवसर पर नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, जनपद पंचायत आरंग के अध्यक्ष खिलेश देवांगन, ग्राम पंचायत चंदखुरी की सरपंच मालती धीवर और कौशल्या माता समिति के अध्यक्ष देवेन्द्र वर्मा और ग्रामीणजन उपस्थित थे.

राम वन गमन पर्यटन परिपथ के लिए 9 स्थलों का चयन

छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पर्यटन परिपथ को विकसित करने के उद्देश्य से प्रथम चरण में 9 स्थलों का चयन किया गया है. इन स्थलों में सीतामढ़ीहरचौका (कोरिया), रामगढ़ (अम्बिकापुर), शिवरीनारायण (जांजगीरचांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गरियाबंद), सिहावासप्तऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर), रामाराम (सुकमा) शामिल हैं. इन प्रस्तावित 09 स्थलों के लिए पर्यटन विभाग ने 137.45 करोड़ रुपए की लागत से एक कॉन्सेप्ट प्लान तैयार किया गया है, राम वन गमन पर्यटन परिपथ के लिए राज्य शासन ने वर्ष 2019-20 में 5 करोड़ रुपए और इस वर्ष 2020-21 में 10 करोड़ रूपए का प्रावधान बजट में किया गया है.