रायपुर- लोकसभा चुनाव समाप्त होने के बाद अब भूपेश सरकार प्रशासनिक तंत्र को ज्यादा मजबूत करने पर फोकस करने जा रही है. आचार संहिता खत्म होते ही राज्य सरकार अपनी योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिये काम शुरु करेगी.साथ ही पिछले 6 माह में जिला स्तर पर चल रहे कामकाज की समीक्षा कर आगामी कार्ययोजना तैयार करेगी.इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 3 जून को सभी जिलों के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों की बैठक लेकर उनके कामकाज की समीक्षा करेंगे और कमजोर परफारमेंस वाले कलेक्टर और एसपी को फटकार लगायेंगे. चर्चा तो इस बात की भी है कि कमजोर प्रदर्शन के आधार पर कुछ कलेक्टर और एसपी हटाये भी जा सकते हैं.
विधानसभा चुनाव में मिली बंपर सफलता के बाद जिस तरह लोकसभा चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस की हार हुई है,उसे लेकर ज्यादातर कलेक्टरों की परेशानी बढ़ी हुई है और उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि कहीं हार का ठीकरा उनके कामकाज पर तो नहीं मढ़ दिया जायेगा. उन इलाकों के कलेक्टर ज्यादा डरे हुए हैं,जहां पर भाजपा को चुनाव में बंपर वोट मिले हैं.हालांकि कलेक्टर और एसपी कांफ्रेंस का एजेंडा सरकार की योजनाओं और कानून व्यवस्था की स्थिति पर ही फोकस है,लेकिन अधिकारियों को डर सता रहा है कि कांग्रेस के विफलता का खामियाजा उन्हें न भुगतना पड जाये.
बहरहाल सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को सर्कुलर जारी कर पूरी तैयारी से हाजिर होने के निर्देश दिये हैं. 3 जून को मंत्रालय में ये कांफ्रेंस आयोजित होगा,जिसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहले सेशन में केवल कलेक्टरों की बैठक लेकर जिलों में चल रही योजनाओं की प्रगति की बिन्दूवार जानकारी लेंगे. इस बैठक के बाद दूसरे सेशन में कलेक्टर और एसपी की बैठक ली जायेगी, जिसमें कानून व्यवस्था समेत तमाम कामकाज की समीक्षा की जायेगी.