मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रविवार को हरिद्वार में महाराजा अग्रसेन अग्रवाल आश्रम ट्रस्ट के 50वें स्थापना दिवस के अवसर पर कार्यक्रम में शामिल हुए. यहां उन्होंने महाराजा अग्रसेन अग्रवाल आश्रम ट्रस्ट के नव निर्मित भवन का शुभारंभ किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सेवा एवं समर्पण के प्रतीक महाराजा अग्रसेन को नमन करते हुए सभी को महाराजा अग्रसेन अग्रवाल आश्रम ट्रस्ट के 50 वर्ष की गौरवपूर्ण यात्रा पूरी करने पर शुभकामनाएं दी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि अग्रवाल आश्रम ट्रस्ट द्वारा पिछले 50 वर्षों से समाज सेवा, धार्मिक जागरण, सांस्कृतिक संरक्षण, मानव कल्याण से जुड़े कार्यों को समर्पित भाव से किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जिस भवन का आज लोकार्पण हुआ उसके भव्य घाट आध्यात्मिक साधना का प्रमुख केंद्र बनेंगे एवं सामाजिक एकता को दर्शाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की एकता, अखंडता और सामाजिक समरसता पर किसी भी प्रकार की कोई आंच नहीं आने दी जाएगी.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि ये ट्रस्ट हरिद्वार के साथ वृंदावन में भी अत्याधुनिक भवन और सत्संग हॉल का सफल संचालन कर रहा है. अनेक लोग ट्रस्ट के संचालन में अपना योगदान दे रहे हैं, साथ ही अयोध्या में भी ट्रस्ट द्वारा आधुनिक सुविधाओं से युक्त आश्रम का निर्माण कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि महाराजा अग्रसेन भारतीय समाज के ऐसे आदर्श नायक थे, जिनका संपूर्ण जीवन जन सेवा, सत्कर्म और समाज कल्याण के लिए समर्पित रहा है, उन्होंने सदैव समाज के हित को प्राथमिकता देते हुए जनकल्याण के लिए कार्य किया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराजा अग्रसेन ने एक ईंट–एक रुपया का जो मंत्र दिया था, वह आर्थिक सहयोग का प्रतीक एवं सामाजिक एकता ,समानता, सामूहिक उत्तरदायित्व, समरसता का जीवंत उदाहरण है. महाराज के आदर्शो को आधार बनाकर अग्रवाल समाज ने सदैव इसी निष्ठा और प्रतिबद्धता के साथ समाज सेवा के क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. अग्रवाल समाज ने कोविड महामारी, केदारनाथ त्रासदी, एवं हर विपरीत समय में आगे बढ़कर सेवा का काम किया है.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार उत्तराखण्ड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के प्रति भी पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध है और इसी संकल्प के साथ प्रदेश में विभिन्न घृणित मानसिकताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है. प्रदेश में एक सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून भी लागू किया है. उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड एक ऐसा राज्य है जहां पर राज्य की कुल जनसंख्या से लगभग 10 गुना लोग राज्य में घूमने के लिए आते हैं, इसलिए आने वाले व्यक्तियों की संख्या के आधार पर ही विभिन्न अवस्थापना एवं विकास सुविधाओं के लिए नीति आयोग में प्रमुखता से बात रखी गई है.
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