हेमंत शर्मा, इंदौर। हातोद स्थित नगर निगम गौशाला में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने परंपरागत श्रद्धा और उत्साह के साथ गोवर्धन पूजा की। कार्यक्रम में उन्होंने गौसेवा को सनातन संस्कृति का केंद्र बताते हुए कहा कि –“सिर्फ पैसे से नहीं, बल्कि सेवा, समर्पण और सच्चे मन से की गई देखभाल से ही गऊ माता का कल्याण संभव है।”मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर परम पूज्य अच्छानंद स्वामी महाराज के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि शासन गौशालाओं के विकास में निरंतर सहयोग देता रहेगा, लेकिन असली काम समाज की भागीदारी से ही संभव है। “महाराज जी जैसे लोग हैं, जो गऊ माता की सेवा को जीवन का उद्देश्य मानते हैं। शासन पैसा लगाने को हमेशा तत्पर रहेगा, पर असली अर्थ में व्यवस्था संभालने वाले ऐसे समर्पित व्यक्ति ही इस सेवा को पूर्ण बना सकते हैं।” मुख्यमंत्री ने मंच से कैलाश विजयवर्गीय, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, सांसद कविता पाटीदार, विधायक गोलू शुक्ला, तुलसी सिलावट और अन्य जनप्रतिनिधियों का अभिनंदन किया।

भारत की संस्कृति में गौवंश और मानव जीवन एक-दूसरे पर निर्भर

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की संस्कृति में गौवंश और मानव जीवन एक-दूसरे पर निर्भर हैं। “गऊ माता हमारे जीवन की शुरुआत का प्रतीक हैं। जैसे माता अपने बच्चों का पालन करती है, वैसे ही गऊ माता मानव जाति को अमृत रूपी दूध देकर पोषण देती हैं।” उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वदेशी और सनातन परंपरा को पुनर्जीवित करने के कई प्रयास किए हैं।जब हम पुरातन गौरव को याद करते हैं, तो गऊ माता से बड़ा कोई प्रारंभिक स्थान नहीं मिलता।”

प्राकृतिक खेती और गौ उत्पादों का महत्व

मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की बात करते हुए कहा कि अब जो किसान गोवंश आधारित प्राकृतिक खेती करेंगे, उन्हें एमएसपी के साथ अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
उन्होंने कहा “गोबर और गोमूत्र से न सिर्फ खाद बन रही है बल्कि चिकित्सा और पर्यावरण संरक्षण के नए प्रयोग भी हो रहे हैं। परमाणु विकिरण से बचाव तक में इसका उपयोग सिद्ध हो रहा है।”

गौशालाओं को पिंजरापोल से मुक्त किया

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में अब पारंपरिक पिंजरापोल व्यवस्था को समाप्त किया जा चुका है।“अब कोई भी नगर निगम पशुओं को बंद नहीं करेगा। हर जगह बड़ी गौशालाएं बनाई जा रही हैं। आवारा पशुओं को वहीं उचित देखभाल मिलेगी।”उन्होंने कहा कि इंदौर सहित प्रदेश के सभी बड़े शहरों में अब गौशालाएं ‘गो मंदिर’ के रूप में विकसित की जा रही हैं।

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गौशाला को अस्पताल जैसी व्यवस्था

मुख्यमंत्री ने बताया कि गौशालाओं में अब बीमार गौमाताओं के लिए आईसीयू और अस्पताल जैसी सुविधाएं बनाई जा रही हैं।जिस तरह हम अपने माता-पिता की सेवा करते हैं, उसी भाव से गौशालाओं में भी सेवा की जाती है। यह संवेदना ही हमारी असली पूंजी है।”

मुख्यमंत्री ने की बेटी को सम्मानित करने की घोषणा

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने गोवर्धन पर्व की सुंदर प्रतिमा और पेंटिंग बनाने वाली एक बालिका को 11,000 रुपये पुरस्कार देने की घोषणा की। समापन में बोले — “गांव की संस्कृति कभी मत भूलना”मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारत की आत्मा गांव में बसती है।“हम चाहे कितने भी आगे बढ़ जाएं, गांव और गौ माता से संबंध कभी नहीं तोड़ना चाहिए। यही हमारी संस्कृति की जड़ और पहचान है।”कार्यक्रम के अंत में उन्होंने सभी को दीपावली और गोवर्धन पूजा की शुभकामनाएं दीं और कहा — “

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