सुधीर दंडोतिया, भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में सामान्य अपराधों और महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों के मामलों में सख्त एक्शन लिया जाए। जो पुलिस अधिकारी प्रभावी कार्रवाई नहीं करेंगे, वे अधिकारी मैदान में नहीं दिखेंगे।

मंगलवार को समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में सीएम डॉ मोहन ने उच्च स्तरीय बैठक की। कानून-व्यवस्था की स्थिति, नक्सल गतिविधियों के नियंत्रण, पुलिस द्वारा सुशासन क्षेत्र के प्रयास और नए कानूनों के क्रियान्वयन की समीक्षा कर निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ मोहन ने कहा कि शिक्षा केंद्रों पर विशेष सावधानी की आवश्यकता है।

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स्कूल और कॉलेज के शिक्षक-शिक्षिकाएं भी शिक्षण केंद्र स्तर पर अराजक तत्वों को रोकने की पुख्ता कार्रवाई के लिये नजदीकी थाने में तत्काल सूचना दें। छेड़खानी करने वाले युवकों को शिक्षण केंद्र के स्तर पर भी बिल्कुल नहीं बख्शा जाएं। पुलिस द्वारा ऐसे दर्ज मामलों और निरीक्षण के बाद सख्त कार्रवाई की जाए। सायबर अपराधों में लिप्त व्यक्तियों के खिलाफ कठोर एक्शन लिया जाए।

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सीएम ने प्रदेश में नक्सल गतिविधियों के नियंत्रण संबंधी जानकारी भी ली। उन्होंने नए आपराधिक कानून के संबंध में क्रियान्वयन की स्थिति की जानकारी प्राप्त की। पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने अपराध नियंत्रण से संबंधित प्रेजेंटेशन दिया।

अन्य निर्देश

  • प्रदेश में विद्यालय और महाविद्यालय स्तर पर छात्राओं और सार्वजनिक स्थान पर महिलाओं के विरुद्ध अपराध घटित करने वाले तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई हो। इस बारे में कोई रियायत न बरती जाए।
  • प्रदेश में एक समेकित अभियान संचालित कर छात्राओं और महिलाओं के विरुद्ध अपराधों पर नियंत्रण को अधिक प्रभावी बनाया जाए। इस संबंध में नियमित मॉनिटरिंग भी की जाए।
  • नए कानून के क्रियान्वयन के प्रति गंभीर रहें।
  • प्रदेश में न्याय श्रुति सॉफ्टवेयर के माध्यम से थानों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग व्यवस्था को सशक्त बनाया जाए।
  • देवास जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट, विधि विज्ञान रिपोर्ट और ई-अभियोजन के कार्य में लगभग 20 हजार मानव घंटे की बचत का कार्य सराहनीय है। अन्य जिले भी इस मॉडल पर कार्य करें।
  • पुलिस का प्रशासनिक अमला और थानों का स्टॉफ संवेदनशील होकर नागरिकों के हित में और सुदृढ़ कानून व्यवस्था के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई करें।

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