भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 125वीं जयंती पर भोपाल में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया। सीएम ने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने “एक देश में दो विधान, दो प्रधान, दो निशान नहीं चलेंगे” का उद्घोष किया और राष्ट्र की एकता, अखंडता हेतु अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस दौरान कहा, “डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जीवन यात्रा और संकल्प बताते हैं कि एक अद्वितीय व्यक्तित्व कैसा होता है। अपने मन के संकल्पों के सहारे पढ़ाई में भी वह दक्षता जो विश्व के सबसे कम उम्र के कुलपति मात्र 33 साल में, इंग्लैंड की सारी डिग्रियां लेकर भी कलकत्ता के अंदर जिस तरह भूमिका अदा की। बंगाल के विभाजन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है।  

तत्कालीन समय के बंगाल के हिंदुओं को बचाकर देश के हिंदुओं के साथ रखने में उनका योगदान अद्भुत था। आजादी के साथ जब नेहरू की नेहरू की सरकार में उद्योग मंत्री के तौर पर काम करने के दौरान हमारी मूल जरूरत खादी ग्रामोद्योग बोर्ड की स्थापना की। उन्होंने नेहरू को अहसास दिलाया कि धारा 370 लगाना पूरे भारत की सांस्कृतिक एकता के लिए यह बहुत गलत निर्णय होगा। जम्मू कश्मीर में जाने के लिए एक तरफ से पासपोर्ट (पारपत्र) लगता था, जिसे उन्होंने खत्म किया।

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