Odisha News : भुवनेश्वर: मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शुक्रवार को भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में 133 मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इन नए वाहनों का उपयोग राज्य में “मुख्यमंत्री भ्रम्यमान प्राणिचिकित्स सेवा” पहल के तहत पशुधन पशुओं को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए किया जाएगा.
इन उद्देश्यों से शुरू की ये सेवाएं (Odisha News )
राज्य और देश की अर्थव्यवस्था में पशु संसाधनों का हमेशा से बड़ा योगदान रहा है. किसानों की आय सृजन में पशुपालन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. राज्य सरकार किसानों की आय बढ़ाने और उनके जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में लगातार प्रयास कर रही है. पशु संसाधन क्षेत्र को छोटे और सीमांत किसानों, महिला स्वयं सहायता समूहों और उद्यमियों के लिए विकास के क्षेत्र के रूप में पहचाना गया है. राज्य सरकार ने पशुओं की सुरक्षा और उन्हें उचित चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.
इसके साथ ही, पशुओं के कल्याण के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता के रूप में, “मुख्यमंत्री भ्रम्यमन प्राणिचिकित्स सेवा” शुरू की गई है. इसके माध्यम से मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयाँ उन क्षेत्रों में बीमार जानवरों तक पहुँच सकती हैं जहाँ पशु चिकित्सा सुविधाएँ नहीं हैं और उपचार प्रदान कर सकती हैं. बीमार पशुओं को आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने में मुख्यमंत्री भ्रम्यमान प्राणिचिकित्स सेवा बहुत उपयोगी हो रही है. पहले ये मोबाइल यूनिट किराये के आधार पर की जाती थीं. पहले चरण में 30 करोड़ रुपये की 181 मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई वाहनों का उद्घाटन पिछले साल 8 सितंबर को मुख्यमंत्री ने किया था.
मुख्यमंत्री द्वारा आज 21.28 करोड़ रुपये की लागत की अन्य 133 नई मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई वाहन इकाइयों का उद्घाटन किया गया. इस कदम से पशु चिकित्सा सेवाएं लोगों के दरवाजे तक पहुंच गई हैं. इस मोबाइल यूनिट में सर्जरी की भी सुविधा है. इसके माध्यम से पशु टीकाकरण एवं निदान सेवाएँ भी उपलब्ध कराई गई हैं तथा किसानों के बीच व्यापक जन जागरूकता पैदा की गई है. जीपीएस से लैस ये मोबाइल यूनिट प्रखंडों के विभिन्न गांवों में जाकर पशु चिकित्सा सेवाएं मुहैया करा रही हैं.
इसके साथ ही छह पशु एम्बुलेंस सेवा वाहनों का भी उद्घाटन किया गया है ताकि शहरी क्षेत्रों में बीमार और घायल मवेशियों और जानवरों को तत्काल चिकित्सा देखभाल प्रदान की जा सके.
कार्यक्रम में कृषि एवं किसान सशक्तिकरण, एफएंडएआरडी विभाग मंत्री रणेंद्र प्रताप स्वैन, विकास आयुक्त अनु गर्ग, एफएंडएआरडी विभाग के प्रधान सचिव सुरेश कुमार वशिष्ठ प्रमुख रूप से उपस्थित थे.
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