लव जिहाद इन दिनों देश में एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है, जिस पर राजनीतिक बहस भी जारी है। इसी बीच दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (Rekha Gupta) ने लव जिहाद(love jihad) से प्रभावित महिलाओं से मुलाकात की और उनकी आपबीती सुनी। सीएम ने उन्हें हर संभव संरक्षण देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि प्रेम विवाह पूरी तरह स्वीकार्य है, लेकिन उसकी आड़ में जबरन या छलपूर्वक धर्म परिवर्तन किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
रविवार को कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में लव जिहाद से पीड़ित महिलाओं की आपबीती पर आधारित एक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों से आई महिलाओं ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि किस तरह वे विश्वास, भावनाओं और भविष्य के सपनों के नाम पर धोखे का शिकार बनीं। इस दौरान सीएम ने आश्वासन दिया कि सरकार ऐसे मामलों में पीड़ित महिलाओं के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है।
लव जिहाद पीड़ितों से मिलकर CM हुईं भावुक
विश्व हिंदू परिषद और आर्ष विद्या समाज द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी भावुक हो उठीं। उन्होंने कहा कि भारत में प्रेम विवाह के अनगिनत उदाहरण मौजूद हैं, लेकिन मासूम लड़कियों को झूठे प्रेमजाल में फंसाकर जबरन धर्म परिवर्तन कराना, और मतलब निकल जाने पर उन्हें सूटकेस या फ्रिज में पैक कर देना ऐसी क्रूरता को भारत कभी स्वीकार नहीं कर सकता।
CM ने की महिलाओं के साहस की तारीफ
सीएम ने कहा कि कई पीड़ित बेटियों ने लव जिहाद के नाम पर पनप रही इस घिनौनी और कट्टरपंथी साजिश की परतों को बेझिझक उजागर किया है। उनके साहस, हिम्मत और त्याग की जितनी सराहना की जाए, वह कम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपना सब कुछ खो देने के बावजूद समाज की अन्य महिलाओं को लव जिहाद की इस त्रासदी से बचाने की उनकी कोशिशों को वह नमन करती हैं।
कांग्रेस सरकार पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज़ाद भारत में बाबा साहेब द्वारा निर्मित संविधान लागू होने के बाद जब सनातनी महिलाओं पर खुलेआम अत्याचार संभव नहीं रहा, तब लव जिहाद की आड़ में महिलाओं को प्रताड़ित करने और उनका धर्म परिवर्तन कराने की कोशिशें जारी रहीं। उनका आरोप था कि कांग्रेस और वामपंथी सरकारों के दौर में ऐसे तत्वों को खुली छूट मिलती रही, और अपराधी कानून से बच निकलकर लाखों महिलाओं की ज़िंदगियों में अंधेरा करते रहे। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में ऐसे षड्यंत्रकारी तत्व कानून द्वारा निर्धारित अपनी जगह तक अवश्य पहुंचेंगे।
‘अभिभावकों को बेटियों से संवाद बढ़ाना होगा’
सीएम ने स्पष्ट कहा कि किसी भी प्रकार का शोषण भावनात्मक हो या शारीरिक एक गंभीर अपराध है और सरकार ऐसे मामलों में पीड़ितों के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है। उन्होंने कहा कि एक मां और बेटी होने के नाते वह इन महिलाओं के दर्द को सिर्फ सुन नहीं रहीं, बल्कि उसे भीतर तक महसूस करती हैं। उन्होंने परिवारों से अपील की कि बदलते समय में माता-पिता और अभिभावकों को अपनी बेटियों के साथ संवाद और भरोसा बढ़ाना होगा, ताकि वे बिना किसी भय के अपनी बात साझा कर सकें। सीएम ने समाज से भी आग्रह किया कि वह सामूहिक रूप से बेटियों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी निभाए।
मुख्यमंत्री ने आयोजकों का आभार जताते हुए कहा कि ऐसे संवाद कार्यक्रम समाज को आईना दिखाते हैं और बदलाव की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली को सुरक्षित और संवेदनशील राजधानी बनाने के लिए सरकार, समाज और परिवार तीनों को मिलकर कदम बढ़ाने होंगे।
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