लक्षिका साहू, रायपुर। बलराम जयंती पर प्रदेश में किसान दिवस मनाया गया। राजधानी के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में किसान दिवस पर कार्यशाला हुई। इसमें मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और अध्यक्षता कृषि मंत्री राम विचार नेताम ने की। विशेष अतिथि सांसद बृजमोहन अग्रवाल और मोतीलाल साहू थे। कार्यशाला में प्रदेश के कृषि वैज्ञानिक और किसान शामिल हुए। इस अवसर पर सीएम विष्णु देव साय ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय कृषि कल्याण योजना के तहत भूमिहीन किसानों को 10 हजार रुपए देने का सरकार विचार कर रही है।

सीएम विष्णु देव साय ने कहा कि प्रदेश के कृषि क्षेत्र ने उत्कृष्ट कार्य कारने वाले किसानों को पुरस्कृत किया गया है। प्राचीनकाल से ही कृषि का महत्व है, आज 70% लोग किसानी कर रहे हैं। समाज आज प्राकृतिक और जैविक खेती की ओर बढ़ रहा है।

पहले किसानों के पास खेती के लिए पूंजी नहीं होती थी। किसान ब्याज पर पैसे लेते थे। प्रधानमंत्री ने क्रेडिट की शुरुआत की, फसल बीमा योजना का लाभ आज के किसान को मिल रहा। हमारी सरकार ने कृषि मंत्रालय को कृषक कल्याण मंत्रालय नाम दिया। किसानों की आय को दुगना करने का काम पीएम मोदी कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ की आठ महीने की सरकार ने किसानों के हित में कई कार्य किए है।

145 मीट्रिक टन खरीदी की गई, 2200 करोड़ सिंचाई के लिए बजट रखा गया है। प्रदेश के 35600 हेक्टेयर में अतिरिक्त सिचाई का कार्य सरकार कर रही है। सीएम साय ने कहा कि प्रदेश के जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप से चर्चा कर पहले की सिचाई योजना को दुरुस्त करने कहा गया है।

दीनदयाल उपाध्याय कृषि कल्याण योजना के तहत भूमिहीन किसानों को 10 हजार रुपए देने का सरकार विचार कर रही है। भारतीय किसान संघ के संगठन महामंत्री दिनेश कुलकर्णी के बातों पर भी विचार किया जाएगा। प्राकृतिक और गौवंश आधारित कृषि को बढ़ावा मिले और किसान खुशहाल रहे यही कामना करते हैं।

वहीं कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की तारीफ करते हुए कहा​ कि वे किसानों के हित में नई-नई योजना ला रहे हैं। मंत्री नेताम ने कहा कि बलराम जयंती के अवसर पर किसान दिवस मना कर सरकार ने किसान भाई-बहन को संदेश दिया है कि आज का दिन किसानों को समर्पित है। पिछले दस सालों में कृषि क्षेत्र में नई तकनीक और अविष्कार हुए, जिसका लाभ लेकर किसान अपनी आर्थिक स्थिति बेहतर कर रहे हैं। सरकार बनने से पहले हमने 31 सौ रुपए प्रति क्विंटल धान और 21 क्विंटल प्रति एकड़ खरीदी की घोषणा की थी, जिसे सरकार बनने के बाद पूरी किया। बोनस की राशि किसानों दी।