कार्यक्रम के संबोधन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि आज मध्यप्रदेश के लिए बहुत बड़ा दिन है. आज प्रदेश में 5,250 करोड़ रुपये की लागत से तीन सोलर पार्क, आगर में 550 मेगावॉट, शाजापुर में 450 मेगावॉट और नीमच में 500 मेगावॉट का, कुल 1500 मेगावॉट के तीन सोलर पावर पार्क लगाने के लिए निवेशकों का चयन हुआ है.
एक जमाना था, जब सोलर एनर्जी के रेट प्रति यूनिट 14-15 रुपया हुआ करते थे, जबकि बिड में 2.14 रुपया तक आया है, जो सबसे कम रेट है. तीनों सोलर पार्क से 1500 मेगावॉट की बिजली मिलेगी. यह भारतीय रेल से लेकर अन्य को भी यह बिजली दी जा सकेगी. रोजगार के अवसर भी इसमें सृजित होंगे.
मध्य प्रदेश ऐसा राज्य है, जहां कोई आता है; वह पानी में शक्कर की भांति मिलकर एकमेव हो जाता है. मध्यप्रदेश में खजुराहो, भीमबैटका, सांची, 10 नेशनल पार्क, 25 अभयारण्य, उज्जैन, ओंकारेश्वर, मैहर, दतिया, चित्रकूट जैसे धार्मिक आस्था, निवेश की संभावनाओं और पुरातत्व व ऐतिहासिक महत्व के शहर हैं. उनको जोड़ने हवाई सेवाओं का विस्तार व एयरपोर्ट और अधोसंरचनाओं के सुदृढ़ीकरण की जरूरत है.
सूरज की ऊर्जा का भरपूर दोहन करने का अभियान हमने मध्यप्रदेश में चलाया है. रीवा में आदर्श सोलर पावर प्लांट है. जिससे दिल्ली की मेट्रो रेल चलती है. पहले सौर ऊर्जा दूर की कौड़ी थी लेकिन जैसे-जैसे टैक्नोलॉजी आगे बढ़ी, रेट कम होते गए. उन्होंने कहा कि बिजली आज की जरूरत है. लेकिन थर्मल पावर प्लांट्स कार्बन गैसों का उत्सर्जन करते हैं. कोल माइंस ओपन करने के लिए पेड़ काटे जाते हैं. कोयला भी सीमित है. इसका सबसे आदर्श तरीका है सूरज से बिजली लेना. यह अक्षय ऊर्जा है, जो कभी ख़त्म नहीं होगी.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि हमारी नीति इन्वेस्टर फ्रेंडली है. हम इन्वेस्टर को केवल धन कमाने वाला नहीं, मित्र भी मानते हैं. मैं सभी इन्वेस्टर्स का स्वागत करता हूं और आश्वस्त करता हूं कि यहां आपको कोई कमी नहीं आने दी जाएगी. हम हर संभव सुविधा देंगे. निवेशक हमारे मित्र हैं. हम उन्हें केवल धन कमाने वाला नहीं मानते. उनसे हमारे संबंध आत्मीय होते हैं. मध्य प्रदेश ऐसा राज्य है, जहां देश-दुनिया के किसी भी कोने से आना वाला व्यक्ति यहां की जनता से ऐसे मिल जाता है, जैसे दूध में शकर मिल जाती है.
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कार्बन गैसों का उत्सर्जन रोकने के प्रयास हमें बड़े प्रभावी ढंग से करने होंगे. मैं रोज एक पेड़ लगाता हूं और पेड़ लगाना भी भगवान की पूजा माना जाता है, क्योंकि वह जीवित ऑक्सीजन प्लांट है. मध्य प्रदेश निवेश के लिए सर्वथा उपयुक्त है. सोलर एनर्जी के लिए तो इसलिए कि 300 दिन यहां सूरज चमकता है. जमीन की हमारे पास कमी नहीं है. हम धरती के साथ पानी पर भी सोलर पैनल बिछाएंगे. ओम्कारेश्वर में हम फ्लोटिंग सोलर प्लांट लगा रहे हैं.
आज मध्य प्रदेश में 5250 करोड़ रुपए की लागत से आगर, शाजापुर, नीमच में कुल 1500 मेगावॉट के 3 सोलर पावर पार्क लगाने के लिए निवेशकों का चयन हुआ है. इन तीनों सोलर पार्क से प्रदेश के साथ भारतीय रेल से लेकर बाकी को भी बिजली दी जा सकेगी. इससे हजारों रोजगार भी सृजित होंगे.
मंत्री हरदीप सिंह डंग ने कहा कि आगर में 550 मेगावाट, शाजापुर में 450 मेगावॉट और नीमच में 500 मेगावॉट का प्लांट स्थापित किया जाना है. इन परियोजनाओं के लिए पिछले दिनों ने निविदा निकाली गई थी.आगर में सौर योजना परियोजना के तहत दो यूनिट लगेगी. शाजापुर सौर पार्क में तीन यूनिट लगेगी. यहां से प्रदेश को 2.14 रुपये प्रति यूनिट बिजली मिलेगी. इन परियोजनाओं से प्रदेश में करीब पांच हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा.साथ ही 7 हजार के करीब लोगों को इससे रोजगार मिलेगा.
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