मुंबई। महाराष्ट्र कैबिनेट ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का नाम राज्य की विधान परिषद के लिए राज्यपाल को प्रस्तावित किया है. विधान परिषद में राज्यपाल की ओर से नामित दो पदों में से एक में उद्धव ठाकरे के नाम का प्रस्ताव दिया गया है.

मुख्यमंत्री का शपथ लेने के बाद छह महीने के भीतर राज्य की विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य बनना अनिवार्य है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अभी तक दोनों ही सदनों के सदस्य नहीं है, ऐसे में विधान परिषद के लिए नामित होने से यह संवैधानिक अनिवार्यता पूरी हो जाएगी.

उद्धव ठाकरे को विधानसभा परिषद के लिए नामित किए जाने के संबंध में महाराष्ट्र कैबिनेट की गुरुवार को उप मुख्यमंत्री अजित पवार की अगुवाई में विशेष बैठक हुई, जिसमें विधान परिषद में रिक्त दो नामित पदों में से एक में उद्धव ठाकरे के मनोनयन की अनुशंसा राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी से की गई.

राज्य के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से परिषद के रिक्त पदों के लिए चुनाव नहीं हो सकते हैं, ऐसी स्थिति में राज्यपाल द्वारा नामित दो पदों में से एक पद पर उद्धव ठाकरे को मनोनित करने का आग्रह किया है.

बता दें कि उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर को शिवाजी पार्क में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लिया था. संवैधानिक मर्यादा को देखते हुए उनके पास चुनाव लड़ने के लिए 28 मई तक का समय है, लेकिन सत्ताधारी महाराष्ट्र विकास अगाड़ी किसी तरह का सरकार की स्थिरता को लेकर कोई खतरा नहीं उठाते हुए उनका चयन पर जोर दे रही है.