मुख्यमंत्री ने सोमवार को राज्य के सभी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की छुट्टी 4 मई तक के लिए रद्द कर दी है. साथ ही छुट्टी पर गए सभी लोगों को 24 घंटे के अंदर ड्यूटी पर वापस लौटने का निर्देश दिया गया है.

सीएम ने थाना से लेकर एडीजी स्तर तक के अधिकारियों को आगामी 24 घंटों के भीतर धार्मिक नेताओं और गणमान्य लोगों से वार्ता करने का निर्देश दिया है. जिससे आगामी त्योहारों के दौरान शांति सुनिश्चित की जा सके. इसके अलावा धार्मिक स्थलों पर माइक का इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन उनकी स्थापना की कोई नई अनुमति नहीं देने का निर्देश सीएम ने दिया है.

सीएमओ की ओर से सुनिश्चित हो आदेश का पालन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एसएचओ, सीओ और जिला पुलिस प्रमुखों से लेकर जिलाधिकारी, संभागीय आयुक्त तक के सभी प्रशासनिक/पुलिस अधिकारियों की छुट्टी तत्काल प्रभाव से 4 मई तक रद्द की जाती है. जो वर्तमान में छुट्टी पर हैं, वे अगले 24 घंटे के भीतर ड्यूटी स्थल पर लौटें. इस आदेश का पालन मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से सुनिश्चित किया जाना चाहिए.

अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती

मुख्यमंत्री के निर्देश के मुताबिक संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बलों को तैनात किया जाए और स्थिति पर नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करने को कहा गया है. इसके अलावा पुलिस बल द्वारा पैदल गश्त के साथ पुलिस प्रतिक्रिया वाहन को एक्टिव मोड में रखने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में अक्षय तृतीया और ईद जैस महत्वपूर्ण त्योहार हैं. जिसे लेकर सारी तैयारियां पहले से सुनिश्चित कर ली जाएं.

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अक्षय तृतीया और रमजान एक दिन होने की संभावना

अक्षय तृतीय और ईद दोनों एक ही दिन होने की संभावना है. ऐसे में देश के वर्तमान माहौल को देखते हुए यूपी पुलिस को एक्स्ट्रा अलर्ट और संवेदनशील रहने का निर्देश दिया गया है. कोई भी धार्मिक जुलूस बिना उचित अनुमति के नहीं निकाला जाना चाहिए. केवल पारंपरिक जुलूस को ही परमिशन देने कहा गया है. अनुमति देने से पहले, शांति और सद्भाव बनाए रखने के संबंध में आयोजक से एक हलफनामा लेने का निर्देश दिया गया है.

शरारती तत्वों से सख्ती से निपटें- सीएम

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हर एक नागरिक की सुरक्षा सरकार और लोगों की प्राथमिक जिम्मेदारी है. हम सभी को अपनी इस जिम्मेदारी के प्रति सतर्क और सावधान रहना होगा. स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सभी आवश्यक प्रयास किए जाने चाहिए. ताकि हर त्योहार शांति और सद्भाव के साथ मनाया जा सके. साथ ही शरारती बयान देने वालों के खिलाफ अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. माहौल खराब करने की कोशिश करने वालों से सख्ती से निपटा जाए.