गोरखपुर. यूपी के मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ ने आज यूक्रेन से लौटे गोरखपुर के 16 मेडिकल के छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों से आज मुलाकात की और उनके सकुशल वापसी पर स्वागत करते हुए शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार यूक्रेन में फंसे छात्रों को निकालने पर ही कार्य नहीं कर रही है अपितु उनके कैरियर को आगे बढ़ाने पर भी विचार कर रही है. इसे लेकर सरकार इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के संपर्क में है.
विद्यार्थियों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि युद्धग्रस्त यूक्रेन से बच्चों की वापसी मोदी सरकार की संवेदनशीलता को व्यक्त करती है. यूक्रेन से नागरिकों और छात्रों को सुरक्षित लाने की यह सुविधा केवल भारत को ही मिली, शेष देशों खासकर अफ्रीकी देशों की सरकार ने कोई संज्ञान नहीं लिया और वहां फंसे अपने नागरिकों को भगवान के भरोसे छोड़ दिया. जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने युद्ध शुरू होते ही बैठक की और यूक्रेन में फंसे नागरिकों को लाने की व्यवस्था के लिए आपरेशन गंगा शुरू किया. इसके लिए चार केंद्रीय मंत्रियों को भेजा और केंद्र व राज्य सरकार ने नोडल अधिकारियों की तैनाती की. उप्र सरकार ने दिल्ली में नोडल अधिकारियों की तैनाती की. यूपी भवन में ठहराया और बच्चों को सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की.
मुख्यमंत्री बुधवार को गोरखनाथ मंदिर के तिलक हाल में बच्चों और उनके अभिभावकों से संवाद कर रहे थे. उन्होंने कहा कि यूक्रेन में उत्तर प्रदेश के 2290 छात्र रहते हैं. इनमें से 2078 वापस आ चुके हैं. अकेले गोरखपुर के 74 में से 70 बच्चे वापस आ चुके हैं. चार शेष बच्चों को भी लाने की व्यवस्था की जा रही है. इनमें से दो बच्चे पोलेंड एयरपोर्ट पर भारत के दूतावास में हैं. दो बच्चे यूक्रेन से पोलटावा पहुंच चुके हैं. जल्द ही वह भी सकुशल पहुंच जाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि युद्धग्रस्त क्षेत्र से बच्चों की सकुशल वापसी के लिए हम प्रधानमंत्री मोदी का हृदय से आभार व्यक्त करते हैं, क्योंकि यह सुविधा अन्य देशों के नागरिकों को नहीं मिल पाई. खासकर अफ्रीकी देश की सरकारों ने कोई संज्ञान ही नहीं लिया और फंसे लोगों को भगवान भरोसे ही छोड़ दिया, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने युद्ध शुरू होते ही बैठक की और केंद्र व राज्य सरकार ने नोडल अधिकारियों के जरिए यूक्रेन में फंसे नागरिकों की जानकारी जुटाई.
उन्होंने कहा कि युद्ध क्षेत्र से भारतीयों को सकुशल अपने देश वापस लाने में सफलता केंद्र सरकार की अंतरराष्ट्रीय नीति की वजह से मिल सकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे लेकर विशेष रूचि दिखाई. इसके लिए चार केंद्रीय मंत्रियों की जिम्मेदारी तय की गई, जिसमें जनरल वीके सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और किरण रिजिजू जैसे मंत्री शामिल हैं. उन्होंने कहा कि आज भी दुनिया के अन्य देशों के लोग यूक्रेन में फंसे हुए हैं और उनके देशों की सरकारें अपने लोगों को वहां से निकालने संवदेनशील नहीं हैं. उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वह अपने पाठ्यक्रम से जुड़े रहें और इसे लेकर मानसिक मजबूती को बनाए रखें. ऐसा करके वह अपने कैरियर को विपरीत परिस्थितियों में भी आगे बढ़ाने में सफल हो सकेंगे. यूक्रेन से सकुशल भारत आये मेडिकल छात्रों और उनके अभिभावकों ने प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी का आभार जताया. बच्चों ने कहा कि मोदी जी की वजह से वह अपने देश सकुशल लौट सके हैं. दूतावास का भी बहुत सहयोग मिला. इसलिए कोई परेशानी नहीं हुई.
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अभिभावकों ने कहा कि बच्चों के फंसे होने से काफी चिंता थी, लेकिन सरकार ने हमारे बच्चों को सकुशल घर पहुंचा दिया. कुछ अभिभावकों की मांग थी कि उनके बच्चों के आगे की पढ़ाई यहीं पर व्यवस्था के लिए सरकार विचार करे. मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों के कैरियर को लेकर केंद्र व प्रदेश सरकार विचार कर रही है. कोई न कोई रास्ता निकलेगा.
भारत वापसी करने वाले छात्र
प्रियांशी गुप्ता, रक्षा श्रीवास्तव, सौम्या राज, विपुल शुक्ल, हरिमोहन कुमार, हर्षिता कौशल उपाध्याय, आयुष द्विवेदी, चयनिका सिंह, काजल कश्यप, खुशी कश्यप, सृष्टि सिंह, पवन कुमार यादव, अमन कुमार दुबे, निखिल तिवारी, अखिलेश कुमार और निखिल दुबे शामिल है.
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