रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट एवं सुपर प्लस कम्पोस्ट का निर्माण कर राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली महिला स्वसहायता समूहों को एक बड़ी सौगात दी है. महिला स्वसहायता समूहों द्वारा उत्पादित कम्पोस्ट में से 7 जुलाई तक बिक चुकी कम्पोस्ट के एवज में प्रति किलो एक रुपए और सहकारी समितियों को 10 पैसे के मान से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. बोनस वितरण के संबंध में कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग मंत्रालय ने आज आदेश जारी किया.

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गौठानों से जुड़कर कम्पोस्ट निर्माण कर रही महिला स्वसहायता समूहों को 7 जुलाई 2022 तक बिक चुकी कम्पोस्ट के एवज में बोनस दिए जाने की मंशा जताई थी. इस संबंध में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 7 जुलाई को आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गए निर्णय के परिपालन में कृषि विभाग मंत्रालय द्वारा विविधत आदेश जारी किया गया है.

इस आदेश के तहत महिला समूहों द्वारा उत्पादित कम्पोस्ट में से 7 जुलाई 2022 तक विक्रय किए गए लगभग 17.64 लाख क्विंटल की मात्रा के एवज में महिला समूहों को 17 करोड़ 64 लाख तथा प्राथमिक सहकारी समितियों को 01 करोड़ 76 लाख रुपए की राशि प्रोत्साहन के रूप में दी जाएगी. प्रोत्साहन की यह राशि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गोधन न्याय योजना के बजट प्रावधान से किया जाएगा. गोधन न्याय योजना के लिए वर्ष 2022-23 के बजट में 175 करोड़ रुपए का प्रावधान है.

2020 में गोधन न्याय योजना की हुई थी शुरूआत
उल्लेखनीय है कि गोधन न्याय योजना की शुरूआत 20 जुलाई 2020 को हरेली पर्व के दिन से राज्य में हुई थी. इस योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों से 2 रुपए किलो में गोबर की खरीदी गौठानों में की जा रही है. अब तक 76 लाख क्विंटल से अधिक की गोबर खरीदी की जा चुकी है, जिससे महिला समूहों द्वारा अब तक 16.81 लाख क्विंटल से अधिक वर्मी कम्पोस्ट, 5.16 लाख से अधिक सुपर कम्पोस्ट तथा 18 हजार 924 क्विंटल सुपर प्लस कम्पोस्ट का उत्पादन किया गया है, जिसमें से तीनों प्रकार के कम्पोस्ट की कुल 17.64 लाख की मात्रा का विक्रय हो चुका है. इसके एवज में महिला समूहों और प्राथमिक सहकारी समितियों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.