मुंबई: तहलका पत्रिका के संस्थापक पत्रकार तरूण तेजपाल पर सहकर्मी से रेप के मामले में गोवा कोर्ट ने आरोप तय कर दिए हैं. कोर्ट के इस फैसले के बाद तेजपाल की मुश्किलें बढ़ गई हैं. तरुण तेजपाल अभी जमानत पर जेल से बाहर हैं. कोर्ट ने तेजपाल पर 6 विभिन्न धाराओं में आरोप तय किए हैं. इनमें आईपीसी की धारा 376 के अलावा 354 ए, 341, 342, 343 और 354एबी के तहत आरोप तय हुए हैं. इस दौरान तेजपाल खुद को बेकसूर बताते रहे. मामले की अगली सुनवाई 21 नवंबर को होगी
मामला 2013 का है. आरोप है कि गोवा में थिंक फेस्ट के दौरान एक पांच सितारा होटल की लिफ्ट में तरुण तेजपाल ने अपनी सहकर्मी का यौन उत्पीड़न किया था. बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा पीठ ने बलात्कार के मामले में तरुण तेजपाल के खिलाफ आरोप तय किये जाने पर रोक लगाने से मना कर दिया था और गोवा सरकार को नोटिस जारी कर वरिष्ठ पत्रकार की याचिका पर उससे जवाब मांगा था. मापुसा में जिला अदालत ने 7 सितंबर को तेजपाल के खिलाफ आरोपों को हटाने से मना कर दिया था.
तहलका पत्रिका के संस्थापक संपादक तेजपाल ने जिला अदालत के आदेश के खिलाफ बंबई उच्च न्यायालय की गोवा पीठ का दरवाजा खटखटाया था. न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण ने उनकी प्रार्थना पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत द्वारा आरोप तय किए जाने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. तेजपाल ने उनके खिलाफ आरोप तय किये जाने पर तब तक रोक लगाने की मांग की थी जब तक कि उच्च न्यायालय आरोप हटाने की उनकी याचिका पर फैसला नहीं कर लेता.
तेजपाल ने दावा किया है कि मामले में उनके खिलाफ सबूतों का अभाव है. उच्च न्यायालय ने हालांकि कहा कि अगर अदालत तेजपाल के खिलाफ आरोप तय करती है तो साक्ष्य दर्ज किये जाने को टाला जाना चाहिए. साक्ष्य दर्ज करने से मुकदमे की शुरुआत होती है.