धीरज दुबे, कोरबा। छत्तीसगढ़ राज्य पावर कम्पनी के विधुत संयंत्र लगातार कोयले की कमी से जूझ रहे है. आलम है कि किसी संयंत्र के पास एक दिन का कोयला है, तो किसी के पास चार दिन का ऐसे में कोयले को लेकर अधिकारी परेशान है. मुख्यमंत्री के कोरबा प्रवास से ठीक पहले पहुंचे ऊर्जा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने शनिवार को प्लांट प्रमुखों की बैठक ली और समस्या के निदान को लेकर निर्देश दिए। ऊर्जा सचिव ने बात करते कहा कि संयंत्रों में बारिश की वजह से कोयले की कमी बनी हुई है. हमने साउथ ईस्ट कोल फील्ड लिमिटेड (secl) से कोयले की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने कहा है. उन्होंने बताया कि संयंत्रो में लगातार आ रही ख़राबी के मद्देनजर सभी मुख्य अभियंता को निरंतर मॉनीटरिंग और रखरखाव करने के निर्देश दिए गए हैं.
इस दौरान उन्होंने संयंत्रों को उत्पादन के साथ पर्यावरण संरक्षण के नियमों का कड़ाई से पालन किये जाने के निर्देश दिए हज ताकि पर्यावरण प्रदूषण के मामलों में कमी आ सके. दरअसल छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर जनरेशन कम्पनी के अधिकांश संयंत्र कोरबा में स्थित है. सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक कोरबा के सभी संयंत्र कोयले की भारी कमी से जूझ रहे है. कोरबा स्थित डॉ श्याम प्रसाद मुखर्जी ताप विधुत गृह के 500 मेगावाट के संयंत्र में महज तीन दिन का कोयला शेष है, जबकि कोरबा पूर्व संयंत्र में चार दिन व हसदेव ताप विधुत संयंत के 1340 मेगावाट के संयत्र में एक दिन का ही कोयला शेष है. ऐसे में अगर तय समय मे कोयले की सप्लाई सही नहीं कि गई तो संयत्र कभी भी बंद हो सकता है व राज्य में विधुत संकट पैदा हो जाएगा. फिलहाल देखना होगा मामले में ऊर्जा सचिव के दखल के बाद secl कोयला सप्लाई में कितनी तेजी लाता है.