शब्बीर अहमद,भोपाल। केंद्र सरकार द्वारा राज्यों के बिजली घरों के कोयला आवंटन में भारी कटौती कर कोयला आयात करने के लिए राज्यों पर बेजा दबाव डाला जा रहा है। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने केंद्र सरकार द्वारा 01 जून को पुनः जारी किये गये कोयला आयात करने के निर्देश पर कड़ी आपत्ति करते हुए इसे केंद्र सरकार द्वारा राज्यों पर बेजा दबाव डालने की कोशिश बताया है। संघ ने अपनी मांग दोहरायी है कि चूंकि कोयला संकट में राज्य के बिजली उत्पादन गृहों का कोई दोष नहीं है, अतः केंद्र सरकार को कोयला आयात के अतिरिक्त खर्च का वहन करना चाहिए।

कोयला संकट

ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने आज यहां जारी बयान में कहा कि केंद्र सरकार के 01 जून को जारी आदेश में कहा गया है कि राज्यों के जिन बिजली घरों ने 03 जून तक कोयला आयात करने के टेंडर की प्रक्रिया प्रारंभ नहीं कर दी है अथवा आयातित कोयले के लिए कोल इंडिया को इंडेन्ट नहीं दिया है। उनके डोमेस्टिक कोयले के आवंटन में 07 जून से कटौती कर उन्हें आवंटन का 70% कोयला ही दिया जायेगा। इतना ही नहीं तो आदेश में आगे लिखा है कि कोयला आयात न करने पर ऐसे बिजली घरों के डोमेस्टिक कोयला आवंटन में और कटौती करते हो 15 जून से उन्हें आवंटन का 60% कोयला ही दिया जायेगा।

शैलेन्द्र दुबे ने इस आदेश को मनमाना आदेश करार देते हुए देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से आम जनता के हित में इसका प्रबल विरोध करने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों तेलंगाना, छत्तीसगढ़, पश्रिम बंगाल, झारखंड, केरल, हरयाणा ने कोयला न आयात करने का निर्णय लिया है।

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