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बलरामपुर – ब्यूरोक्रेट्स की विलासितापूर्ण जीवनशैली के बीच इसे एक मिसाल के तौर पर देखा जाना चाहिए कि छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के कलेक्टर अवनीश शऱण ने अपनी बेटी वेदिका का दाखिला एक सरकारी स्कूल में कराया है. खबर चौकाती जरूर हैं, लेकिन हकीकत है. जिस दौर में सरकारी स्कूलों की ओर मुंह ताकना मध्यमवर्गीय परिवार के भी शान के खिलाफ माने जाने लगा है, ऐसी व्यवस्था के बीच कलेक्टर की बेटी का सरकारी स्कूल में दाखिला, चर्चा का विषय जरूर है.
बलरामपुर पोस्टिंग के बाद से ही जिले की शिक्षा व्यवस्था की सूरत बदलने की मुहिम में जुटे कलेक्टर अवनीश शऱण ने शिक्षा को लेकर खासा काम किया है.  अवनीश बच्चों के बीच बेहद लोकप्रिय भी हैं. बच्चों से उत्साह से मिलते हैं. शिक्षा को लेकर किसी तरह का समझौता नहीं किए जाने की तासीर वाले अधिकारी माने जाते हैं.
शायद यही वजह है कि बलरामपुर जिलें में बेहाल शिक्षा व्यवस्था, अवनीश शरण के जाने के बाद से पटरी पर आई है. जब भी वक्त मिलता है, अवनीश शरण स्कूलों के निरीक्षण के लिए निकल जाते हैं. बच्चों के बीच वक्त बिताते हैं. कभी शिक्षक बन शिक्षा की गुणवत्ता का खुद ही आंकलन करते हैं, तो कभी बच्चों के बीच बैठकर पंजे लड़ाते हैं.
ये पहला मौका नहीं है, जब अवनीश शरण ने अपनी बेटी का एडमिशन सरकारी स्कूल में कराया हो, इसके पहले भी उन्होंने अपनी बेटी का एडमिशन आंगनबाड़ी में कराया था.