छतरपुर. डिस्ट्रिक्ट मजिस्टे्रट (डीएम) के कोर्ट ने दो व्यापारिक फर्मो पर बड़ा अर्थदंड लगाया है. यह डीएम कोर्ट के सबसे बड़े अर्थदंड का संभवत: पहला मामला है. कलेक्टर ने कांग्रेस विधायक आलोक चतुर्वेदी के पार्टनरशिप में संचालित दो फर्मों पर 7 करोड़ रुपए का अर्थदंड लगाया है. ये दो फर्म खजुराहो मिनरल्स कंपनी छतरपुर और खजुराहो स्टोन (इंडिया प्रा.लि.) है.

जानकारी के अनुसार, खनिज निरीक्षक द्वारा कलेक्टर को 5 अप्रैल को एक प्रतिवेदन सौंपा गया था. प्रतिवेदन में 4 हजार घन मीटर पत्थर का अवैध उत्खनन पाया गया. जिस पर अवैध रूप से रॉयल्टी की राशि पर अर्थदंड एक करोड़ 44 लाख रुपए आरोपित किया गया. इस पर कलेक्टर ने अपनी मुहर लगा दी है. खजुराहो स्टोन (इंडिया प्रा.लि.) इस कंपनी में अजय पाल सिंह परमार, रणधीर सिंह परमार, यशपाल सिंह परमार, नितिश चतुर्वेदी, निखिल चतुर्वेदी के अलावा आलोक चतुर्वेदी पार्टनर थे.

दूसरी फर्म खजुराहो मिनरल्स कंपनी

इसी प्रकार दूसरी फर्म खजुराहो मिनरल्स कंपनी यह भी साझेदारी की फर्म थी. इस फर्म में अजय पाल सिंह परमार, आलोक चतुर्वेदी, नीलम चतुर्वेदी, कैलाश परमार पार्टनर थे. इनके ऊपर भी कलेक्टर ने पांच करोड़ 83 लाख 20 हजार रुपए अर्थदंड आरोपित किया है. कलेक्टर ने यह कार्रवाई खनिज विभाग के निरीक्षक के प्रतिवेदन के आधार पर की है

बड़ा मलहरा उपचुनाव में जमकर खर्चे की चर्चा

जानकारी के अनुसार, बड़ा मलहरा उपचुनाव में कांग्रेस विधायक आलोक चतुर्वेदी द्वारा बढ़ चढ़कर कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार प्रसार किया था उसी काखमियाजा उनको भुगतना पड़ रहा है. हालांकि कांग्रेस सरकार के समय ही छतरपुर कलेक्टर को लाने का मुख्य श्रेय भी आलोक चतुर्वेदी को जाता है. विधायक चतुर्वेदी के खिलाफ कलेक्टर के द्वारा की गई यह सबसे बड़ी कार्यवाही है. इसके पहले भी जिले में कई कलेक्टर आए और चले गए. किसी ने भी खजुराहो मिनरल्स और खजुराहो स्टोन के अवैध उत्खनन के संबंध में कोई कार्रवाई नहीं कर पाया.

खनिज निरीक्षक ने पहले ही करवा लिया ट्रांसफर

यह जानकारी भी मिली है कि खनिज इंस्पेक्टर अजय मिश्रा इसी कारण से अपना स्थानांतरण कराकर पहले ही चले गए. छतरपुर जिले में विधायक के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई से कई सवाल भी उठ रहे हैं. आखिरकार इन दो फर्मों पर पूर्व के कलेक्टरों ने अभी तक क्यों कार्रवाई नहीं की. वहीं उनके वकील रजनीश मिश्रा का कहना है कि कलेक्टर के आदेश के खिलाफ अन्य सक्षम न्यायालय में अपील की जाएगी.