कुमार इंदर, जबलपुर। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने आज स्कूल प्रबंधन और पेरेंट्स की मीटिंग ली। ओपन में हुई इस बैठक में कई सारे मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें निजी स्कूलों की तरफ से आए जवाब को एक सिरे से उन्होंने खारिज कर दिया। कलेक्टर ने यह माना कि स्कूलों और पब्लिशरों की मोनोपोली के चलते अभिभावकों को परेशानी उठानी पड़ी है। इसी के चलते स्कूलों की फीस, स्टेशनरी और किताबों के दाम में बेतहाशा वृद्धि हुई है। 

कलेक्टर दीपक सक्सेना ने यह भी कहा कि जांच में पाया गया है कि बाजार में मिलने वाली 85% से ज्यादा किताबें बिना आईएसबीएन या नकली आईएसबीएन की मिल रही है। निजी स्कूल प्रबंधनों को दो टूक कहा कि जिन लोगों ने भी फीस बढ़ोतरी में नियमों का उल्लंघन किया है या ज्यादा पैसे वसूल किए हैं, उनसे न केवल पैसे वसूल किए जाएंगे, बल्कि ज्यादा फीस लेने पर पेनल्टी भी लगाई जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि निजी स्कूल प्रबंधन स्कूल खुलने के 2 से 3 दिन पहले सिलेबस की लिस्ट जारी करता है और अभिभावकों को आनन-फानन में किताबें, ड्रेस और स्टेशनरी  खरीदने के लिए दबाव बनाया जाता है।

कलेक्टर ने कहा है कि बेतहाशा फीस बढ़ोतरी, महंगी किताबें और एक ही दुकान से स्टेशनरी और ड्रेस लेने के मामले में विभाग की जांच जारी है। इसके अलावा यह भी कहा कि आने वाले नए शिक्षण सत्र के लिए उनकी कोशिश होगी कि अक्टूबर में ही सारी चीज फाइनलाइज हो जाए। जिसमें ड्रेस कोड से लेकर नए सिलेबस की सारी जानकारी उपलब्ध हो जाए, ताकि जिला प्रशासन समय रहते पुस्तक मेला लगा सके। जिसका फायदा बच्चों के अभिभावकों को मिल सके।

ज्यादातर किताब अपडेट नहीं

 कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना कहा कि जिला प्रशासन की जांच रिपोर्ट में बात सामने आई है कि निजी स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली ज्यादातर किताबें अपडेट नहीं है। जिला प्रशासन की जांच में जो भी फाइंडिंग है, उनसे अभिभावक और स्कूल प्रबंधकों को अवगत करा दिया गया है। यह उम्मीद भी की है कि आने वाली शिक्षण सत्र में यह कमियां और लापरवाही न बरती जाए।

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