पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। अमाड़ और रताखड़ व्यपवर्तन योजना में हुए भ्रष्टाचार की जांच के लिये कलेक्टर ने 5 सदस्यीय टीम का गठऩ किया है. टीम पखवाड़े भर में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी. इस संबंध में जिपं अध्यक्ष स्मृति ठाकुर और कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था.

देवभोग सिचाई उपसंभाग अंतर्गत 50 करोड़ से भी ज्यादा लागत के निर्माणाधीन अमाड़ व्यपवर्तन व साल भर पहले निर्मित रताखड़ व्यपवर्तन योजना में ठेकेदार व विभागीय अफसरों की मिलीभगत कर जमकर अनियमितता बरते जाने की शिकायत जिला पंचायत अध्यक्ष स्मृति ठाकुर से ग्रामीणों ने की थी, जिसके बाद उन्होंने सीएम भूपेश बघेल के नाम ज्ञापन सौंप जांच की मांग की थी. कांग्रेसी नेता विनोद तिवारी व स्मृति ने आज मामले में कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर से भेंटकर ज्ञापन की प्रतिलिपि सौंपी.

मामले में तत्काल संज्ञान लेते हुए कलेक्टर ने मामले की जांच के लिए 5 सदस्यीय जांच दल गठित किया है. दल में अन्य तकनीकी विभाग के कार्यपालन अभियंता स्तर के अफसर शामिल होंगे. कलेक्टर क्षीरसागर ने कहा कि शिकायत में बताए बिंन्दु के अलावा अन्य सभी तकनीकी पहलुओं की जांच के लिए टीम गठित की गई है. अनियमितता पाए जाने पर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी, जरूरत पड़ी तो ठेकेदार ब्लैक लिस्टेड किए जाएंगे.

एक ही ठेकेदार को कैसे मिल जाता है काम

जिला पंचायत अध्यक्ष स्मृति ठाकुर ने कहा कि क्षेत्र में जनसम्पर्क के दरम्यान लगातार ठेका कम्पनी मेसर्स विष्णु अग्रवाल, मेसर्स पवन अग्रवाल एवं मेसर्स माला मोहन बिल्डर्स कम्पनी द्वारा अनुबन्धित एवं इनके द्वारा पेटी कॉन्ट्रेक्ट में लेकर कराए गए समस्त कार्यों के गुणवत्ताहीन होने की लगातार शिकायत प्राप्त हो रही है. विष्णु अग्रवाल को लगातार 15 वर्षो से कार्यों का मिलना भी कई सवाल खड़ा करता है. शिकायत में इस बिंदु की भी जांच की मांग की गई है.