रोहित कश्यप, मुंगेली। जिले में एक बार फिर लल्लूराम डॉट कॉम की ख़बर का असर हुआ है. जिले में संचालित कई निजी अस्पतालों में बगैर नर्सिंग लाइसेंस, बिना डॉक्टरों की टीम व विशेषज्ञों के बिना धड़ल्ले से ऑपरेशन की खबर लगाई थी. खबर में हमने प्रमुख रूप से जिला मुख्यालय के पास संचालित आशीर्वाद हॉस्पिटल का जिक्र किया था, जिसमें बताया गया था कि नर्सिंग होम एक्ट के उल्लंघन करते हुए बगैर लाइसेंस और विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम के बिना किस तरस से यहां स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के प्रभार वाले जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर लोगों के जान से खिलवाड़ कर रकम ऐंठा जा रहा रहा है.

लल्लूराम डॉट कॉम में खबर प्रकाशित होने के बाद कलेक्टर पी एस एल्मा ने मामले को संज्ञान में लिया है. उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को जांच कर कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए है. बता दें कि कलेक्टर पी.एस.एल्मा की अध्यक्षता में आज जिला कलेक्टोरेट स्थित मनियारी सभा कक्ष में नर्सिंग होम एक्ट एवं झोलाछाप चिकित्सक को नियत्रित करने के लिए गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक हुई. बैठक में कलेक्टर पी एस एल्मा ने छत्तीसगढ़ राज्य उपचर्यागृह संबंधी स्थापनाएं अनुज्ञापन नियम 2013 के तहत निर्मित नर्सिंग होम एक्ट का पालन सुनिश्चित करने और नर्सिग होम एक्ट के विपरित कार्य करने वालो के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए. इसी तरह उन्होंने अवैध रूप से संचालित चिकित्सालय, क्लिनिक एवं डायग्नोस्टिक सेंटर और लैब पर भी नर्सिग होम एक्ट के नियम के तहत कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए. इस अवसर पर उन्होंने निजी चिकित्सालय क्लिनिक एवं डायग्नोस्टिक सेंटर के संचालन के संबंध मे प्राप्त आवेदन पत्रो के संबंध में भी जानकारी ली.

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जिला नोडल अधिकारी नर्सिग होम एक्ट डाॅ. सुदेश रात्रे ने बताया कि हाॅस्पिटल संचालन के लिए 16 आवेदन प्राप्त हुए है. इनमे से 12 संस्थानो के लाइसेंस दिया गया है. शेष चार आवेदकों को लाइसेंस देने की प्रकिया जारी है. इसी तरह क्लिनिक संचालन के लिए 39 ऑनलाईन आवेदन प्राप्त हुए है. इनमें से 24 आवेदकों को क्लिनिक संचालन के लिए लाइसेंस जारी किया गया है.

शेष आवेदकों को लाइसेंस देने की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है. उन्होंने बताया कि पैथोलैब एवं डायग्नोस्टिक सेंटर के लिए 19 आवेदन प्राप्त हुआ है. जिनमें से 7 आवेदकों को लाइसेंस जारी किया है. शेष आवेदकों को लाइसेंस देने की कार्रवाई की जा रही है. इसी तरह उन्होंने बताया कि झोलाछाप चिकित्सकों को नियंत्रित करने के लिए जिला स्तरीय टीम एवं विकास खण्ड स्तरीय टीम का गठन किया गया है और उनके द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है.

सरकारी डॉक्टर के खिलाफ नहीं हुई कार्रवाई 

जिला अस्पताल में पदस्थ सरकारी डॉक्टर द्वारा नियम विपरीत निजी अस्पताल में ऑपरेशन करने का मामला सामने आया था. इसके बाद भी गरीबों को लूटने वाले डॉक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. दरअसल, कंटेनमेंट जोन रहे बरदुली की रहने वाली प्रसूता सविता साहू को प्रसव के लिए जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था, लेकिन वहां ऑपरेशन का इंतजाम नहीं है कहकर उसे बिलासपुर सिम्स रेफर कर दिया गया. अस्पताल न ले जाकर परिजन उसे आशीर्वाद हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया. जहां उसका ऑपरेशन से प्रसव किया गया. हैरानी की बात तो तब हो गई जब परिजनों के बताए मुताबिक अस्पताल का कर्मचारी योगेश साहू ने ही उनका ऑपरेशन कर दिया. जिसके एवज में 40 हजार रुपये वसूले गए.