बलौदाबाजार, अरविन्द मिश्रा। पशुओं से भरी दोपहरी में काम लेना किसानों को भारी पड़ेगा. मानसून की आहट के बीच बलौदाबाजार कलेक्टर द्वारा जारी आदेश ने खेती-किसानी में जुटे किसानों के लिए अजीब स्थिति पैदा कर दी है. किसान नेता इस आदेश पर सवाल उठा रहे हैं.

कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने जिले में भीषण गर्मी को देखते हुए दोपहर में पशुओं से कार्य लेने पर प्रतिबंध लगाते हुए पशुमालिकों पर  कार्यवाही की बात कही है. अपने आदेश में परिवहन तथा कृषि पशुओं पर क्रूरता निवारण नियम 1965 के नियम 6 (3) के तहत जिले में दोपहर 12 से 3 बजे के बीच में तांगे, बैलगाड़ी, भैंसा गाड़ी, ऊंट गाड़ी, खच्चर, टट्टू गाड़ी व गधे पर वजन परिवहन 30 जून तक प्रतिबंधित किया है. इस आदेश का उल्लंघन होने पर पशु मालिक एवं किसान पर परिवहन तथा कृषि पशुओं पर क्रूरता निवारण नियम 1965 के तहत कड़ी कार्रवाई भी की जा सकती है.

लल्लूराम एप अब नए कलेवर में – https://lalluram.com/app

आदेश में छत्तीसगढ़ राज्य जीव जंतु कल्याण बोर्ड के निर्देश का हवाला दिया गया है, जिसमें भीषण गर्मी में पशुओं को तांगे, बैलगाड़ी, भैंसा गाड़ी, ऊंट गाड़ी, खच्चर, टट्टू गाड़ी एवं गधे पर वजन ढोने के लिए उपयोग करने से पशु बीमार होने की बात कहते हुए उनकी मृत्यु की भी संभावना जताई गई है. जिसे ध्यान में रखते हुए पशुओं पर सामग्री रखकर या सवारी के लिए उपयोग करने को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है.

इसे भी पढ़ें : VIDEO छत्तीसगढ़ में शराब से सुधरेगी अर्थव्यवस्था: कांग्रेस MLA ने कहा- बिगड़ी अर्थव्यवस्था को सुधारने बेच रहे शराब 

किसान नेता उठा रहे सवाल

बलौदाबाजार कलेक्टर के इस आदेश पर किसान नेता सवाल उठा रहे हैं. द्वारिका साहू कहते हैं कि इस तरह का आदेश कैसे जारी किया जा सकता है. इसे अमलीजामा पहनाया ही नहीं जा सकता है. किसान भी तो भरी दोपहरी खेतों में अपना पसीना बहाते हैं, और इस कार्य में पशु उनके अभिन्न हिस्सा हैं. पशुओं से काम कराने या नहीं कराने का समय कैसे तय किया जा सकता है.

Read more : SC Slams Centre for ‘Arbitrary & Irrational’ Vaccine Policy for 18 to 44 year