रायपुर। सरपंच और उसके परिजनों के विरुद्ध उपसरपंच और पंचों ने अतिक्रमण की शिकायत की थी. मामले में संभागायुक्त महादेव कावरे ने धमतरी कलेक्टर और एसडीएम के आदेश को पलटते हुए कुरुद एसडीएम को शिकायत की सूक्ष्म जांच कर एक माह में विधिसम्मत निर्णय देने के आदेश दिए हैं. यह भी पढ़ें : महाराष्ट्र चुनाव 2024: मुसलमान मतदाता विधानसभा चुनाव में भी लोकसभा चुनाव जैसी दिखा पाएंगे ताकत, जानिए भाजपा को रोकने के लिए बनाई क्या रणनीति…

बता दें कि धमतरी ज़िले की कुर्रा ग्राम पंचायत के सरपंच खम्हन लाल साहू और उनके परिजनों द्वारा चार स्थानों पर गाँव की शासकीय भूमि पर अतिक्रमण,अतिक्रमित ज़मीन पर पक्का मकान और दुकान बनाकर लाभ लेने की शिकायत उप सरपंच और पंचों ने की थी. शिकायत की जाँच करते हुए भखारा के तहसीलदार ने सरपंच के परिजनों पर अर्थदंड लगाया था.

शिकायतकर्ताओं ने इस पर आगे कार्रवाई के लिए कुरुद के एसडीएम न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया, परंतु एसडीएम ने प्रकरण नस्तीबद्ध कर दिया था. एसडीएम के फैसले के विरुद्ध शिकायतकर्ताओं ने कलेक्टर न्यायालय में अपील की थी. धमतरी कलेक्टर ने भी एसडीएम के फ़ैसले को सही मानते हुए प्रकरण में अपील की मांग ख़ारिज कर दी थी. इसके बाद शिकायतकर्ताओं ने कलेक्टर और एसडीएम के फैसले के विरुद्ध रायपुर संभागायुक्त न्यायालय में अपील की थी.

कमिश्नर कावरे ने पूरे प्रकरण में दोनों पक्षों को नोटिस जारी कर जिरह के लिए बुलाया और प्रस्तुत साक्ष्यों का प्रतिपरीक्षण किया. प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर संभागायुक्त ने एसडीएम के आदेश और कलेक्टर के अपील ख़ारिज करने के फ़ैसले को पलट दिया.

संभागायुक्त ने प्रकरण की सुनवाई के बाद उसे पंचायत राज अधिनियम की धारा 36 और धारा 40 के तहत कार्रवाई योग्य माना. उन्होंने प्रकरण में उपलब्ध साक्ष्यों, अवैध अतिक्रमण पर भखारा तहसीलदार के प्रतिवेदन, सरपंच पर शासकीय विकास कार्यों के प्रति लापरवाही और उदासीनता सहित सरपंच के परिजनों द्वारा शासकीय भूमि पर किए गए अवैध अतिक्रमण की भी सूक्ष्म जाँच कर एक माह में पूरी कर विधिसम्मत निर्णय देने के भी आदेश दिए है.