समान नागरिक संहिता (UCC), उत्तराखण्ड 2024 अधिनियम के राज्य में क्रियान्वयन के लिए सेवानिवृत्त आई.ए.एस. शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में बनाई गई ‘नियमावली और क्रियान्वयन समिति’ ने शुक्रवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को नियमावली का ड्राफ्ट सौंपा. समिति की ओर से समान नागरिक संहिता, उत्तराखण्ड 2024 अधिनियम की नियमावली का ड्राफ्ट सौंपे जाने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 2022 में प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद हमने मंत्री मण्डल की पहली बैठक में निर्णय लिया कि प्रदेश में समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन करेंगे.

सीएम ने कहा कि सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देशाई की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति बनाई गई. कमेटी के रिपोर्ट सौंपने के बाद 07 फरवरी, 2024 को राज्य विधान सभा में पारित किया गया. उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता विधेयक 2024 पर महामहिम राष्ट्रपति की सहमति के बाद 12 मार्च, 2024 को समान नागरिक संहिता उत्तराखण्ड, 2024 अधिनियम पारित हुआ.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से आज समान नागरिक संहिता अधिनियम की नियमावली सौंपी गई है. इस नियमावली में मुख्य रूप से चार भाग है. जिसमें विवाह और विवाह-विच्छेद लिव-इन रिलेशनशिप, जन्म और मृत्यु पंजीकरण समेत उत्तराधिकार सम्बन्धी नियमों के पंजीकरण सम्बन्धी प्रक्रियाएं उल्लिखित है. उन्होंने कहा कि जल्द ही मंत्रिमण्डल की बैठक में इस अधिनियम को राज्य में प्रभावी रूप से लागू करने की तिथि तय की जाएगी. इसके लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.

मोबाइल ऐप पर किया गया तैयार

मुख्यमंत्री ने कहा कि जन सामान्य की सुलभता के दृष्टिगत इस समान नागरिक संहिता के लिए एक पोर्टल और मोबाइल एप भी तैयार किया गया है. जिससे कि पंजीकरण, अपील आदि की समस्त सुविधाएं जन सामान्य को ऑनलाइन माध्यम से सुलभ हो सके. उन्होंने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विधेयक बना है. जल्द इस अधिनियम को धरातल पर उतारा जाएगा. आजादी के बाद उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बन जाएगा जिसे समान नागरिक संहिता लागू करने का गौरव प्राप्त होगा.