दिल्ली. ऑस्ट्रेलिया में 21वें कॉमनवेल्थ खेलों के आखिरी 10वें दिन भारत ने 66 पदकों के साथ बहुत ही शानदार अंदाज में अपने शानदार अभियान का समापन किया. 4 से 15 अप्रैल तक चले कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का खेलों के इतिहास में यह तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा. कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के पदकों की संख्या हर बार बढ़ी है. पिछली बार के मुकाबले भारत ने इस बार दो मेडल ज्यादा जीते हैं. पिछली बार कॉमनवेल्थ गेम्स ग्लास्गो में हुए थे.

भारत के करोड़ों खेलप्रेमियों की नजरें कॉमनवेल्थ के आखिरी दिन इस बात पर लगी थीं कि क्या भारत साल 2014 में ग्लास्गो के प्रदर्शन को पीछे छोड़ पाएगा या नहीं. जिस उम्मीद पर भारतीय दल पूरी तरह खरा उतरा है. इस बार भारतीय दल ने ग्लास्गो के 64 पदकों को पीछे छोड़ते हुए इतिहास रच दिया. लेकिन इसके साथ भारतीयों को थोड़ा यह मलाल जरूर होगा कि वे मैनचेस्टर साल 2002 जीते 69 पदक से तीन पदक पीछे रह गए.

बस बार भारत ने प्रतियोगिता में 66 पदक जीते. इनमें 26 स्वर्ण, 20 रजत और 20 कांस्य पदक शामिल हैं. भारत इस बार मेडल्स टैली में तीसरे स्थान पर रहा. यह भारत का कुल मिलाकर खेलों के इतिहास में तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.

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बता दे कि आजादी के बाद अब तक भारत ने कुल 15 कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लिया है. जिसमें उसने 181 गोल्ड, 175 सिल्वर और 148 ब्रॉन्ज के साथ 502 मेडल जीते हैं.

500 मेडल के लिए आखिरी दिन चाहिए थे 5 मेडल
भारत को 500 मेडल के आंकड़े को छूने के लिए कॉमनवेल्थ गेम्स के आखिरी दिन 5 मेडल चाहिए थे. भारतीय खिलाड़ियों ने रविवार को शानदार खेल दिखाते हुए कुल 7 मेडल हासिल किए.