दरअसल, ड्रग्स कंट्रोलर ऑफ इंडिया ने कल कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। संस्था ने भारत में सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन कोविशील्ड और भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सीन को मंजूरी दी है। इस वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की इजाजत पर उठे सवालों पर एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने एक बड़ा बयान दिया है। एम्स के निदेशक ने कहा कि जिस व्यक्ति को कोवैक्सीन का टीका लगाया जाएगा उसमें किसी तरह का साइड इफेक्ट दिखाई देता है तो उसे मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसा क्लीनिकल ट्रायल के समय भी किया गया था।
गौरतलब है कि इस वैक्सीन को लेकर कई पार्टियों के नेता सवाल खड़े कर चुके हैं। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने वैक्सीन की इमरजेंसी में इस्तेमाल की मंजूरी पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण अभी तक नहीं हुआ है। कोवैक्सीन को समय से पहले मंजूरी देना खतरनाक हो सकता है। कोरोना वैक्सीन का ट्रायल पूरा होने तक इसके इस्तेमाल से बचा जाना चाहिए। भारत को इस दौरान एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का इस्तेमाल करना चाहिए।