सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर. राजधानी रायपुर के वीआईपी चौक से तेलीबांधा रोड तक बन रहे डिवाइडर को लेकर भाजपा ने प्रदर्शन करते हुए महापौर और कमिश्नर के खिलाफ ईओडब्लू में शिकायत की है. BJP पार्षद दल ने सात अलग- अलग बिंदुओं के आधार पर शिकायत की है.

इस मामले में नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने कहा, नगर निगम प्रशासन द्वारा अपने लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए बिना टेंडर के कार्य कराए गए. मामला उजागर होने के बाद षड्यंत्र पूर्वक टेंडर जारी किया गया है. एक ही कार्य को 12 अलग-अलग टैंडर किया गया, जो की जांच का विषय है. संबंधित अधिकारी के खिलाफ जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है.

रायपुर नगर निगम जोन क्रमांक 10 के अंतर्गत तेलीबांधा से वीआईपी रोड टर्निंग तक डिवाइडर सौंदर्यीकरण पेंटिंग कार्य जो की एक ही कार्य के लिए निविदा को लेकर मीनल चौबे BJP के नेताओं ने ईओडब्लू में शिकायत की है.

  1. तेलीबांधा रोड डिवाइडर सौंदर्यीकरण के लिए दो करोड़ रुपए की वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृत प्राप्त हुई.
  2. निगम प्रशासन के अधिकारी द्वारा एक ही प्रकृति के कार्य को बारह अलग अलग टैंडर किया गया. जो की जांच का विषय है. संबंधित अधिकारी के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की जाए.
  3. नगर निगम आयुक्त को 1 करोड़ 50 लाख रुपये की राशि तक के टेंडर कार्य को स्वीकृति देने का अधिकार है. बावजूद उन्होंने तेलीबांधा डिवाइडर सौंदर्यीकरण कार्य को 20 लाख के नीचे 12 पृथक-पृथक टेंडर निकालकर अपने चहेते ठेकेदार को ठेका देना चाहते हैं.
  4. 20 लाख के नीचे का टेंडर ऑफ़लाइन निकाला जाता है और 20 लाख से अधिक राशि के कार्य के लिए ई-टेंडर निकालने का नियम है.
  5. उक्त कार्य का निविदा आमंत्रण सूचना दिनांक 26/10/2022 को दैनिक समाचार के माध्यम से प्रकाशित कर निविदा आमंत्रित किया गया था। परंतु उसी दिनांक तक उपरोक्त डिवाइडर का सौंदर्यीकरण रंगाई पुताई कार्य लगभग 50% किसी व्यक्ति विशेष द्वारा कराया जा चुका था. इससे स्पष्ट होता है कि अधिकारियों द्वारा किसी व्यक्ति विशेष को अनुचित लाभ दिलाने की मंशा प्रतीत होती है. टेंडर के कार्यों में लीपापोती कर निविदा आमंत्रण सूचना प्रकाशित किया गया जो बड़ी लापरवाही है, भाजपा संगठन एवं भाजपा पार्षद दल के द्वारा ध्यानाकर्षण करवाया गया तो आनन-फानन में नगर निगम प्रशासन द्वारा टैंडर को निरस्त किया गया. जो स्पष्ट इंगित करता है कि महापौर के दबाव में उपरोक्त कार्य को टेंडर स्वीकृति के पूर्व करवाया जा रहा था.

हमारा सवाल यह है राशि कहाँ जाने वाली थी और अगर क्रेडाई कर रही है तो जोन 10 से इसका टेंडर क्यों निकाला गया. इसी प्रकार की लापरवाही वार्ड क्रमांक 60 के एक भाग राउतपूरा फेस 2 में लगभग 1 करोड़ के नाली-रोड निर्माण के कार्य को अलग-अलग भागों में निकाला गया है और एक ही व्यक्ति को कार्य दिया गया है. अगर निगम के अधिकारी चाहते सिंगल टेंडर कर नगर निगम की आमदनी बढ़ा सकते थे.

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