मनीषा त्रिपाठी, भोपाल. मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव संपन्न हो गया है. 3 दिसंबर को चुनाव परिणाम आने के बाद नई सरकार का गठन होगा. लेकिन इससे पहले राज्य सरकार पर कर्ज को लेकर चिंता बढ़ गई है. ऐसे में नई सराकर को विरासत में 3.85 करोड़ रूपए का कर्ज मिलेगा. 3.85 करोड़ का यह मतलब है कि प्रदेश के प्रत्येक नागरिक पर 47 हजार रूपए का कर्ज है.

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मौजूदा बजट के मुताबिक राज्य सरकार की आमदनी 2.25 लाख करोड़ है और खर्च इससे 54 हजार करोड़ अधिक है. यानि की आमदनी से ज्यादा खर्चे हैं. ऐसे में नई सरकार चलाने के लिए वर्तमान बजट से अधिक राशि की आवश्यकता होगी. इतना ही नहीं सरकार हर साल 20 हजार करोड़ से अधिक ब्याज भी भर रही है.

एडीआर ने इस पर सवाल उठाया है. एडीआर सदस्य चंद्रकांत नायडू ने कहा कि कितनी जिम्मेदारी से कहा जा रहा है कहा नहीं जा सकता है. चार लाख करोड़ का कर्जा होने जा रहा है. दोनों ही दलों की घोषणा में पैसा लगेगा. दावे तो दोनों दल कर रहे हैं, लेकिन कितनी जिम्मेदारी से कहा जा रहा है, यह कहा नहीं जा सकता.

वहीं कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने कहा कि हम कर के दिखा चुके हैं. वचन-पत्र के कई वादे हम दूसरे प्रदेशों में कर के दिखा चुके हैं. पुरानी पेंशन तीन राज्यों में लागू कर चुके हैं. किसान कर्जामाफी कर ही रहे थे. 500 रुपए में दूसरे प्रदेश में सिलेंडर दे ही रहे हैं. वचन-पत्र के सभी वादे पूरे किए जाएंगे.

बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी का भी इस मामले पर बयान आया है. पंकज चतुर्वेदी का कहना है कि गारंटी के साथ संकल्प-पत्र पूरा करेंगे. बीजेपी गारंटी के साथ संकल्प-पत्र पूरा करेगी. बीजेपी सरकार में जनता के काम के लिए पैसों की कमी नहीं आती. बीजेपी ने जो कहा वो किया. लाड़ली लक्ष्मी से लेकर लाड़ली बहना तक की घोषणा निभाई है.

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गौरतलब है कि प्रदेश का 2023-24 का बजट 3.14 लाख करोड रुपए का है. इसका करीब 26.2 प्रतिशत हिस्सा वेतन भत्ते और ब्याज की आदायगी में ही चला जाता है. अगर वेतन भत्ते को ही देखें तो वित्तीय वर्ष खत्म होने तक 56314 हजार करोड रुपए से अधिक खर्च इस पर होंगे. यह बजट का 18.64% होता है. वहीं पेंशन पर बजट का 6.17% और ब्याज पर 7.56% ब्याज भुगतान पर 13.73% खर्च होगा. फ्रीबीज योजनाओं पर करीब 35 फीसदी बजट खर्च हो रहा है.

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