रायपुर. प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि मोदी सरकार में केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने संसद में भाजपा सांसद कार्तिकेय शर्मा के एक प्रश्न के जवाब में भगवान श्री रामसेतु के अस्तित्व को नकार दिया है. उन्होंने कहा कि कुछ पत्थरों के अवशेष मिले हैं. लेकिन कह नहीं सकते कि वह राम सेतु है.

कांग्रेस की नरसिम्हा राव की सरकार के समय 1993 में नासा के माध्यम से सेटेलाइट की कुछ तस्वीर लेकर उसका विश्लेषण किया था, जिसमें यह अनुमान लगा कि यह पुल मानव निर्मित है. अर्थात कांग्रेस की सरकार ने यह स्थापित करवाया. रामेश्वरम में स्थित श्रीराम सेतु का अस्तित्व है. लेकिन ये दुर्भाग्यजनक है कि आज भाजपा उसको नकार रही है. भारत के दक्षिण पूर्व में रामेश्वरम और श्रीलंका के पूर्वोत्तर में मन्नार द्वीप के बीच पौराणिक श्रीराम सेतु मौजूद है. लंका युद्ध के पहले भगवान श्रीराम ने अपनी वानर सेना और सेना के दो वीर नल-नील के सहयोग से सेतु बंध रामेश्वरम पुल बनाया गया था. जिसके माध्यम से वानर सेना लंका पर चढ़ाई करने गई थी.

सुशील आनंद ने कहा कि- मंत्री जितेन्द्र सिंह का संसद में दिया बयान भाजपा का असली चरित्र है. जिस भाजपा ने भगवान श्री राम के नाम पर अपनी राजनीति को चमकाया, भगवान श्रीराम के नाम 2 सीट से पूर्ण बहुमत की सरकार केंद्र में और अन्य राज्यों में बनाया. आज वही भाजपा श्रीराम सेतु के अस्तित्व को नकार रही है. भाजपा का ये कृत्य निंदनीय है. श्रीराम सेतु के सवाल पर भाजपा ने कांग्रेस को झूठा बदनाम किया. हकीकत ये है कि इसके पहले भी भाजपा की अटल बिहारी की सरकार में जहाजरानी मंत्री रही टी.आर. बालू ने भी श्रीराम सेतु को नकारा था, हलफनामा दिया था. भाजपा मूल रूप से धर्म विरोधी है और धर्म को अपने राजनैतिक स्वार्थ के लिये उपयोग करती है. हकीकत में उसका चरित्र धर्म विरोधी है. उसके लिये धर्म का अर्थ सिर्फ मतों के ध्रुवीकरण करने के लिये मात्र होता है. भाजपा धर्म का उपयोग भावना को भड़काने के लिये करती है.

वहीं प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता आर.पी. सिंह ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में टीआर बालू साहब जहाजरानी मंत्री थे. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 10 जुलाई 2020 को एक पत्र लिखकर यह स्वीकार किया कि अटल बिहारी सरकार में जहाजरानी मंत्री होने के नाते सेतु समुद्रम योजना बनाई थी. इसका शुभारंभ तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था. उसके बाद हालात बदलते गए. राजनीति बदलती गई. वर्तमान में मोदी इस देश के प्रधानमंत्री बन गए. टीआर बालू आज भी सांसद हैं, भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी हैं. उन्होंने मोदी से मांग की थी कि वाजपेयी सरकार के समय चालू की गई जहाजरानी परियोजना को फिर से आगे बढ़ाया जाए. भाजपा के इस झूठ को बेनकाब करने के लिये टीआर बालू का पत्र पर्याप्त है.