रायपुर- अजीत जोगी आदिवासी नहीं है ! सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद राज्य सरकार द्वारा गठित हाईपावर कमेटी की रिपोर्ट में ये तथ्य सामने आने के बाद प्रदेश में सियासत गर्मा गई है. आज प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह से मुलाकात कर पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और उनके बेटे अमित जोगी के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग की. कांग्रेस अनुसूचित जनजाति विभाग के अध्यक्ष शिशुपाल सोरी के नेतृत्व में सीएम हाउस पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी मांगों का ज्ञापन दिया. 
 

प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह से कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के छह साल के अंतरात के बाद हाईपावर कमेटी ने अजीत जोगी को गैर आदिवासी माना है. कांग्रेस नेताओं ने इस दलील के साथ अजीत जोगी और अमित जोगी के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग की है कि छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग अधिनियम, जो कि जाति प्रमाण पत्र सत्यापन को शासित करते हैं, उसके प्रावधानों का उल्लंघन हैं. 
 
कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री से कहा कि अधिनियम की धारा 10 एवं नियम 24 के प्रावधानों के अंतर्गत कमेटी अपने निर्णय़ के तहत एफआईआर दर्ज कराने के लिए बाध्य भी है. 
कांग्रेस ने कहा कि अजीत जोगी औऱ अमित जोगी ने धोखाधड़ी कर आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित मारवाही विधानसभा सीट के विधायक निर्वाचित होते रहे हैं. ऐसे में धोखाधड़ी के तहत भी दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया जाए.
 
कांग्रेस अनुसूचित जनजाति विभाग ने मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह को जो ज्ञापन सौंपा हैं. उस ज्ञापन में अध्यक्ष शिशुपाल सोरी, गंगा पोटाई, डाॅ.प्रेमसाय सिंह, कवासी लखमा, अनिला भेड़िया, तेजकुंवर नेताम समेत कई नेताओं ने अपने दस्तखत किए हैं. मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह से मुलाकात के बाद शिशुपाल सोरी ने मीडिया से कहा कि-
अजीत जोगी ने अपने कंवर जाति का होने का जो प्रमाण पत्र दिया था, हाईपावर कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में उसे फर्जी माना है. छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग अधिनियम के प्रावधानों में जाति फर्जी पाए जाने पर सजा और अर्थदंड का प्रावधान भी है. आदिवासी होने के नाम पर अजीत जोगी ने आज तक जितना धन अर्जित किया है, उसकी भी वसूली की जानी चाहिए. कमेटी को इसका पूरा अधिकार है. आदिवासी समाज चाहता है कि इस मामले में कठोर कार्रवाई हो, जिससे आदिवासी होने के नाम पर लाभ लेने वालों का गोरखधंधा खत्म हो सके. सुप्रीम कोर्ट ने अपने डायरेक्शन में कहा था कि जाति मामले में हाईपाॅवर कमेटी का निर्णय़ ही अंतिम माना जाएगा. कोर्ट ने कहा था कि जाति प्रकरण को लेकर पहले जितनी सुनवाई हुई है, उसे नजरअंदाज कर कमेटी की रिपोर्ट मानी जाएगी. कमेटी ही जाति का अंतिम निर्णय करेगी. कमेटी का निर्णय़ ही अंतिम और बंधनकारी होगा. सीएम ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद हमने हाईपावर कमेटी का गठन कर जो काम किया है, इसे अंतिम मुकाम तक पहुंचाएंगे.