किसानों की कर्जमाफी के मुद्दे पर भाजपा लगातार कमलनाथ सरकार पर आरोप लगाती रही है कि कांग्रेस सरकार ने विधानसभा चुनाव में वादे के बाद भी किसानों का कर्ज माफ नहीं किया.

 भोपाल.  इसी बीच मंगलवार की सुबह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेश पचौरी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल किसानों की कर्जमाफी के सबूत लेकर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के घर पहुंचा. उन्हें कर्जमाफी के दस्तावेज सबूत के तौर पर सौंपे.

बताया जा रहा है कि कागजात इतने ज्यादा थे कि गाड़ी में भरकर ले जाना पड़ा. कांग्रेस का दावा है कि पूर्व मुख्यमंत्री को जो दस्तावेज सौंपे गए उनमें किसानों के नाम की सूची, उनके मोबाइल नंबर, कर्जमाफी के सर्टिफिकेट, किस बैंक से लोन लिया गया यह सब जानकारी दी गई.

कांग्रेस नेता सुरेश पचौरी ने कहा कि किसानों की कर्जमाफी का मामला छिपा नहीं है. सारी जानकारी ऑनलाइन है. शिवराज और भाजपा लोगों को गुमराह कर रही है. झूठ परोस रही है. इसलिए हमने आज शिवराज को किसानों की कर्जमाफी से जुड़ी जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि जब शिवराज सत्ता में थे तो उन्होंने किसानों का 50 हजार तक का कर्ज माफ करने का वादा किया था, लेकिन पूरा नहीं किया.

इससे पहले बीते शुक्रवार को मध्यप्रदेश भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवाराज सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार के खिलाफ आरोप पत्र जारी किया था, जिसमें 83 वादों को लागू करने के कांग्रेस के दावे पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए इसे मात्र कागजी दावा बताया गया था. शिवराज ने पत्रकारों से बाचचीत में कहा था कि मध्य प्रदेश में एक भी किसान की कर्ज माफी नहीं हुई है.

शिवराज सिंह का आरोप था कि कांग्रेस कृषि ऋण माफी योजना के आधार पर वह प्रदेश की सत्ता में आई, लेकिन इस मुद्दे पर पूरी तरह से असफल है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित कांग्रेस के नेता किसानों का दो लाख रुपये तक का ऋण माफी करने का दावा करते हैं, जो कि पूरी तरह से गलत हैं. कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाए जाने पर मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ ने कहा था कि कर्जमाफी पर उन्हें भाजपा के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है.