शब्बीर अहमद, भोपाल। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आज कांग्रेस पार्टी एक बड़े ओबीसी सम्मेलन का आयोजन कर रही है। इस ‘भागीदारी न्याय महासम्मेलन’ में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी मुख्य रूप से शामिल होंगे। यह सम्मेलन ओबीसी वर्ग के अधिकारों और जातिगत जनगणना जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित होगा, जिसके जरिए कांग्रेस पार्टी ओबीसी समुदाय को साधने की कोशिश में जुटी है।

मध्य प्रदेश में करीब 50 फीसदी ओबीसी वर्ग की आबादी

मध्यप्रदेश, जहां ओबीसी वर्ग की आबादी करीब 50 फीसदी है, वहां यह समुदाय राजनीतिक रूप से निर्णायक भूमिका निभाता है। इस सम्मेलन में मध्यप्रदेश के कई प्रमुख ओबीसी नेता और कांग्रेस विधायक हिस्सा लेने दिल्ली पहुंचे हैं। इनमें कमलेश्वर पटेल, अरुण यादव, सचिन यादव, कुणाल चौधरी जैसे बड़े नाम शामिल हैं।

ओबीसी वर्ग की सत्ता व संगठन में भागीदारी बढ़ाने पर जोर

कांग्रेस का यह सम्मेलन सामाजिक न्याय और ओबीसी वर्ग की सत्ता व संगठन में भागीदारी बढ़ाने पर जोर देगा। राहुल गांधी ने बार-बार जातिगत जनगणना की वकालत की है, उनका कहना है कि यह निचली और पिछड़ी जातियों की स्थिति जानने का सबसे प्रभावी तरीका है। पार्टी का मानना है कि केंद्र सरकार द्वारा 2027 में प्रस्तावित जातिगत जनगणना को जल्द लागू करना चाहिए, ताकि सामाजिक कल्याण नीतियां अधिक न्यायसंगत हो सकें।

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मध्यप्रदेश में ओबीसी वर्ग की निर्णायक भूमिका को देखते हुए कांग्रेस इस सम्मेलन के जरिए न केवल अपने आधार को मजबूत करना चाहती है, बल्कि बीजेपी पर ओबीसी विरोधी होने का आरोप लगाकर सियासी दबाव भी बनाना चाहती है। यह आयोजन मध्यप्रदेश की राजनीति में एक नया समीकरण स्थापित कर सकता है, जहां ओबीसी वोटरों का रुझान किसी भी पार्टी की जीत और हार तय करता है। इस सम्मेलन में मध्यप्रदेश के अलावा देशभर के ओबीसी नेता और कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे। 

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