रायपुर. सरकार बनाने का सपना संजोय कांग्रेस पार्टी ने अब तक 18 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है. जबकि नामांकन की अंतिम तारिख 2 नबंवर यानी कल है. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक पार्टी को डर है कि यदि इन 18 सीटों पर पहले ही प्रत्यशियों की घोषणा कर दी गई तो शायद पार्टी में बगावत की बयार बह जाएगी. यही कारण है कि कांग्रेस प्रत्याशियों को सीधे बी फार्म दे रही है.

सूत्रों के मुताबिक भूपेश बघेल दिल्ली से बी फार्म लेकर छत्तीसढ़ पहुंच गए है. वहीं पार्टी के कुछ बड़े नेताओं ने उन 18 प्रत्याशियों को फोन कर उन्हें नामांकन फार्म खरीदने के लिए कह दिया है. जिससे पार्टी में न तो बगावत हो और न ही कांग्रेस के अन्य उम्मीदवार प्रत्याशी निर्दलीय चुनाव भी न लड़ सके. सूत्रों का दावा है कि रायपुर दक्षिण से कन्हैया अग्रवाल को भी फार्म खरीदने के लिए पार्टी के एक नेता ने फोन कर दिया है, हालांकि जब तक कांग्रेस की कोई अधिकृत सूची जारी नहीं होती तब तक इस मामले में कांग्रेस ने किसे उम्मीदवार बनाया है ये नहीं कहा जा सकता है.

ये है वो 18 सीटें जिसमें कांग्रेस ने घोषित नहीं किए अपने उम्मीदवार

  • रायपुर उत्तर : कांग्रेस इस इंतजार में है कि भाजपा के उम्मीदवार के सामने पार्टी कौन सा चेहरा लेकर आए, हालांकि कुलदीप जुनेजा, पार्षद अजीत कुकरेजा और प्रमोद दुबे ने अपनी दावेदारी यहां से पेश कर दी है.
  • रायपुर दक्षिण :  शहर के वरिष्ठ पत्रकार रुचिर गर्ग कांग्रेस ज्वाई करने के बाद कैंडिडेट के तौर पर उभरे हैं. पार्टी में आते समय कार्यकर्ताओं ने उनका जमकर स्वागत किया था. लेकिन उनकी नाम की चर्चा इस सीट से चुनाव लड़ने के बाद इस सीट पर भी पेंच फंस गया है.
  • बेमेतरा 2012 में ही जिला बने बेमेतरा की विधानसभा सीट हमेशा से कांग्रेस के कब्जे में रही. हालांकि वर्ष 2013 के चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस के निवर्तमान विधायक ताम्रध्वज साहू को हराया और अवधेश चंदेल विधायक चुने गए.
  • कोटा:  यहां से पूर्व मुख्यमंत्री और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस सुप्रीमो अजीत जोगी की पत्नी रेणु जोगी कांग्रेस से विधायक हैं. इन दिनों चल रहे हालात और पति के साथ कई बार मंच पर नजर आ चुकी रेणु जोगी पर पार्टी की नजर थोड़ी टेड़ी है.
  •  बिलासपुर: यहां से भाजपा के वरिष्ठ नेता और सूबे के मंत्री अमर अग्रवाल विधायक हैं. वह 4 बार से लगातार चुनाव जीत रहे हैं और 15 सालों से सरकार में मंत्री हैं. उनके सामने कांग्रेस को अपना चेहरा तय करने में दिक्कत आ रही है.
  •  धरसींवा : यहां से भी भाजपा के देवजी भाई 15 साल से विधायक हैं. कांग्रेस के लिए यह सीट नेताओं की पसंद की चक्कर में अटक गई है. एक ओर छाया वर्मा ने दावेदारी की है, वहीं रायपुर की मेयर रह चुकी किरणमयी नायक भी बड़ी दावेदार बनकर उभरी हैं.
  • रायगढ़ : इस सीट पर कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा भी फंस गई है. हालांकि भाजपा ने वर्तमान विधायक रोशनलाल को फिर प्रत्याशी बनाया है, लेकिन इससे पूर्व विधायक विजय अग्रवाल नाराज हो गए हैं और उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. अब भाजपा के बागी हुए नेता ने कांग्रेस का भी जातिगत समीकरण बिगाड़ दिया है, ऐसे में फिर नए सिरे से प्रत्याशी चयन में फंस गई है.
  • बिल्हा : कांग्रेस जिन्हें अपना चेहरा बनाना चाहती वही वर्तमान विधायक सियाराम कौशिक बागी हो गए. उन्होंने जोगी कांग्रेस का हल पकड़ा और नामांकन फार्म ले लिया. अब कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी समस्या दावेदारों की भीड़ से सही चेहरा तलाशने की है.
  • गुंडरदेही : आरके राय के जोगी कांग्रेस में जाने से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. अब जोगी कांग्रेस ने राय को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं कांग्रेस के घनाराम साहू ने निर्वाचन फार्म ले लिया है. ऐसे में कांग्रेस के सामने असमंजस की स्थिति है.
  • बसना : यहां से उम्मीदवार के नाम को लेकर ही कांग्रेस के लिए संकट हो गया है.  वह समझ नहीं पा रही है कि हारे हुए उम्मीदवार पर फिर दांव लगाया जाए या फिर नया चेहरा सामने लेकर आएं.
  • लैलूंगा : यहां पर जातिगत समीकरण और उस पर दावेदारों की भीड़ परेशानी का कारण बन गई है. कांग्रेस समझ नहीं पा रही कि दावेदारों के उठते इस शोर में किसे टिकट देकर प्रत्याशी तय करें.
  • इसके अलावा जो पेंच कांग्रेस में फंसा है उसमें प्रेमनगर, जैजैपुर, संजारी-बालोद, वैशाली नगर और नवागढ़ पंडरिया, धमतरी सीट भी शामिल है.