कुमार इंदर, जबलपुर। चर्च ऑफ नार्थ इंडिया को मिशनरीज एक्टिविटी के लिए मिली जमीन की लीज खत्म होने और उस जमीन का कमर्शियल इस्तेमाल होने के बाद शासन ने 1 लाख 70 हजार वर्ग फीट जमीन को अपने कब्जे में ले लिया है। अब प्रशासन उस जमीन को नीलाम कराना चाहता है। इसी कड़ी में आज प्रशासनिक अमला जमीन के ओक्सन की प्रक्रिया के लिए मिशन कंपाउंड पहुंचा, लेकिन वहां बसे लोगों के साथ कांग्रेस नेता शौरभ नाटी शर्मा ने विरोध कर दिया। इस दौरान उनकी अधिकारियों के साथ जमकर बहस हुई।

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स्थानीय निवासियों का कहना है कि वो पिछले कई सालों से इस जमीन पर मकान बनाकर रह रहे हैं। सरकार को राजस्व भी दे रहे हैं। ऐसे में इस भूमि को नीलाम कर बेचना गलत है। लेकिन अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने इस जमीन को अब वापस अपने कब्जे में ले लिया है, इसलिए राज्य सरकार के पास मालिकाना हक है कि वो इस जमीन को नीलाम कर बेचा सके। इस दौरान स्थानीय लोगों और अधिकारियों के बीच में बार-बार विवाद की स्थिति बनती रही, लेकिन राजस्व विभाग के अधिकारियों की समझाइश के बाद मामला शांत हुआ और अधिकारियों ने अपनी कार्रवाई को जारी रखा।

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मिशनरी जमीन पर चल रही थी व्यवसायिक गतिविधि

सरकार की ओर से मिशनरी एक्टिविटी के लिए चर्च आफ नॉर्थ इंडिया को लीज पर मिली जमीन पर पूर्व बिशप पी सी सिंह कमर्शियल एक्टिविटीज चला रहा था। हालांकि इस जमीन की लीज साल 1999 में ही खत्म हो गई थी। उसके बावजूद इस पर पूर्व बिशप पीसी सिंह ने अवैध तरीके से व्यवसायिक गतिविधि चला रहा रखी थी। सरकारी जमीन पर बैंक, एफडीआई बारात घर और आशा केन्द्र संचालित हो रहे हैं। अब सरकार इसको बेचने की तैयारी कर ली है। इस सरकारी जमीन की कीमत 1 अरब 38 करोड़ से ज्यादा है।

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