रायपुर. राजधानी के गुढ़ियारी क्षेत्र में सड़क चौड़ीकरण के लिए की गई तोड़फोड़ को लेकर अभी भी हंगामा जारी है. यह हंगामा शनिवार की सुबह तब शुरू हुआ था जब शासन प्रशासन का अमला पूरे दल बल के साथ सड़क चौड़ीकरण के लिए मकान और दुकान तोड़ने पहुंचा था. तभी यहां क्षेत्रीयजनों के साथ कांग्रेस ने भी इस कार्रवाई का विरोध किया. जिस पर पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे कांग्रेसियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. गिरफ्तार होने वाले कांग्रेस नेताओं में कांग्रेस शहर अध्यक्ष विकास उपाध्याय और श्रीकुमार मेनन सहित पिड़ित लोग शामिल थे.जिनकी दुकान और मकान तोड़े जा रहे थे.

बता दे कि शनिवार को पहाड़ी चौक की मकानों दुकानों को सुबह लोकनिर्माण विभाग के अधिकारी तोड़ने दलबल सहित पहुंचे और मकान दुकान के समान को हटाए बैगर डंडे के दम पर बुलडोजर से तोड़ना शुरू कर दिया. अचानक हुई इस कार्यवाही की भनक लगते ही शहर जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष विकास उपाध्याय ,श्री कुमार मेनन पार्षदों के साथ तोड़फोड़ की कार्यवाही को दोषपूर्ण बताकर विरोध किया. कांग्रेसियो के साथ वहाँ के स्थानीय निवासियों एवं पीड़ितों ने भी तोड़फोड़ की कार्यवाही का विरोध जताया. लेकिन तोड़फोड़ करने आये अधिकारियों ने पुलिस प्रशासन को निर्देशित कर विरोध कर रहे लोगो को जबरदस्ती गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

कुछ देर बाद जिला दंडाधिकारी ने जेल में बन्द प्रदर्शनकारियों को निःशर्त रिहा करने की घोषणा किया, लेकिन गरीबो के मकान दुकान टूटने से खफा कांग्रेसियो ने रिहाई लेने से इंकार कर दिया और जेल परिसर में ही अनशन शुरू कर दिया. जेल में कांग्रेसियो के द्वारा अनशन की खबर मिलते है जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी जेल पहुँचकर प्रदर्शनकारियों से चर्चा कर अनशन खत्म करने मान मनव्वोल करने लगे. इस पर भी अनशनकारी रिहाई लेने से इनकार करते रहे.

विकास उपाध्याय ने पुलिस प्रशासन पर बेवजह गिरफ्तार करने का आरोप लगाया हुए कहा कि उन सभी को किस अपराध में गिरफ्तार किए है ये बताया जाये और वे अपराधी है तो उनको जेल में रखा जाये. कांग्रेसियो के जेल में अनशन की खबर मिलते है शाम पीड़ित पक्ष की महिलाये एवं बच्चे भी जेल पहुंचे. और उन्होंने जेल परिसर में ही धरना शुरू कर दिया.

इसी बीच कुछ गुस्साये कांग्रेसियों ने महापौर प्रमोद दुबे के नेतृत्व में पिड़ितो के साथ कलेक्टर और आयुक्त के बंगले के लिए पैदल ही जेल परिसर से कूच कर दिया. जहां इन प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टर के बंगले का घेराव करते हुए जमकर नारेबाजी की.हांलाकि बाद में इन प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.